आने वाले कल का बिजनेस बन रहा है Blockchain, बदल जाएगी आईटी की दुनिया
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को विश्वास है कि 2027 तक विश्व की कुल जीडीपी में 10 फीसदी हिस्सेदारी ब्लॉकचेन की होगी और 2025 तक ब्लॉकचेन की दुनिया 176 बिलियन डॉलर की हो जाएगी.
बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एचएसबीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने रविवार को अपने वित्तीय लेनदेन के लिए एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है. यह तकनीक है 'ब्लॉकचेन'. 'ब्लॉकचेन' के आने से कारोबारी लेन-देन में कागजों का झंझट खत्म हो जाएगा और यह तरीका बेहद सुरक्षित माना जा रहा है. ब्लॉकचेन न केवल सुरक्षित लेन-देन का साधन बनकर उभर रहा है, बल्कि यह नया क्षेत्र बंपर नौकरियां भी लेकर आ रहा है.
सूचना तकनीक की दुनिया में 'ब्लॉकचेन' एक ऐसे प्लेटफार्म बनकर तेजी से उभर रहा है, जहां खुद का स्टार्टअप और नौकरियों के ढेरों अवसर मौजूद हैं. खासबात ये है कि यह प्लेटफार्म सामान्य आईटी क्षेत्र के मुकाबले कई गुना वेतन और कमाई के संसाधन मुहैया करा रहा है. अगर नौकरी की बात करें तो अकेले अमेरिका में ही इस तरह के प्लेटफार्म्स से नौकरियों में 300 फीसदी तक का उछाल आया है. अगर पूरी दुनिया की बात करें तो ब्लॉकचेन प्लेटफार्म की नौकरियों में 6,000 फीसदी का उछाल आने के दावे किए जा रहे हैं.
क्या है ब्लॉकचेन
ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिसमें क्रेता-विक्रेता के मध्य सीधा ही पैसे का ट्रांसफर किया जाता है. इस ट्रांजेक्शन में किसी भी बिचोलिये की आवश्यकता नहीं होती है. अभीतक दो लोगों के बीच आर्थिक लेन-देन थर्ड पार्टी के माध्यम से ही होता है. और ये थर्ड पार्टी जैसे बैंक, मनी ट्रान्सफर आदि इस ट्रांजेक्शन के लिए कुछ फीस भी वसूलती हैं. जबकि ब्लॉकचेन में थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं होती है और यहां आर्थिक लेन-देन पर किसी तरह की फीस नहीं लगती. ब्लॉकचेन के ट्रांजेक्शन में बहुत कम समय लगता है. इसके अलावा ब्लॉकचेन पूरी तरीके से सुरक्षित है. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, एक प्लेटफॉर्म हैं जहां डिजिटल करेंसी के साथ किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ब्लॉकचैन एक डिजिटल लेजर है.
पूरी तरह से सुरक्षित
2008-09 में बिटक्वाइन द्वारा लॉन्च की गई यह तकनीक बेहद जटिल है. इसे हैक करना मुश्किल माना जाता है. इस तकनीक में सभी डिजिटल ट्रांजेक्शन का ब्योरा सुरक्षित रहता है. साइबर क्राइम और हैकिंग को रोकने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को फुलप्रूफ सिस्टम के तौर पर माना जाता है.
बड़ा जटिल है हैक करना
ब्लॉकचेन डिस्ट्रिब्यूटेड डाटा बेस होती है इसमें लगातार कई रिकार्ड्स को तैयार किया जाता है जिन्हें ब्लॉक कहते हैं. प्रत्येक ब्लॉक अपने पहले के ब्लॉक से लिंक रहता है. इस तकीनीकी में हजारों कंप्यूटर पर इन्क्रिप्टेड अथवा गुप्त रूप से डाटा सुरक्षित रहता है. इसे हैक करने के लिए सभी हजारों कंप्यूटर में एक साथ साइबर अटैक करना होगा जो की नामुमकिन है.
बिटक्वाइन ने किया था लॉन्च
ब्लॉकचैन डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन पर आधारित है. बिटक्वाइन मुद्रा बिकेंद्रित क्रिप्टो करेंसी होती है जिसे कभी भी कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है इसे सातोशी नाकामोतो ने खोजा था. यह मुद्रा तेजी से लोकप्रिय हो रही है. सन 2005 में जहां एक बिटक्वाइन की कीमत 5 रुपये थी वहीं आज एक बिटक्वाइन की कीमत लगभग 4,00,000 रुपये है.
यहां बनाएं अपना खाता
भारत मैं हैकिंग रोकने और साइबर सिक्योरिटरी को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक लागू करने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य है. कोई भी अपना ब्लॉकचेन अकाउंट https://blockchain.info/ वेबसाइट पर बना सकता है.
क्या कहता है Incrypt
ब्लॉकचेन पर सर्वे करने वाली संस्था इनक्रिप्ट के मुताबिक, भारत में ब्लॉकचेन को लेकर असीम संभावनाएं हैं. भारतीयों ने ब्लॉकचेन में इनवेस्ट करके हाल ही में 50 लाख डॉलर कमाएं हैं. इनक्रिप्ट अपने सर्वे में कहा है कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को विश्वास है कि 2027 तक विश्व की कुल जीडीपी में 10 फीसदी हिस्सेदारी ब्लॉकचेन की होगी और 2025 तक ब्लॉकचेन की दुनिया 176 बिलियन डॉलर की हो जाएगी और 2030 में बढ़कर यह 3.1 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगी.