आपकी खबर, आपका फायदा: सिगरेट पीने वाले एक बार ये खबर पढ़ लें, छूट जाएगी ये लत..!
तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने वाला सरकार का विज्ञापन हमने और आपने न जाने कितनी बार देखा होगा. कभी टीवी पर तो कभी सिनेमा हॉल में, जो ये बताने के लिए काफी है कि तंबाकू जानलेवा है.
आज की तेज भागती जिंदगी में तंबाकू तेजी से अपनी जगह बनाता जा रहा है. चाहे काम का तनाव कम करना हो या दोस्तों के बीच स्वैग दिखाना हो या फिर फुर्सत के कुछ पल. हाथ की दो अंगुलियों के बीच सिगरेट आज कल आ ही जाती है. कश-बा-कश कोशिश होती है कि धुएं के उड़ते छल्लों के बीच तनाव भी धुआं हो जाए. लेकिन, होता इसके ठीक उलट है. तंबाकू चाहे जिस भी तरीके से लें. जिंदगी घट ही जाती है. एक सिगरेट आपके जीवन का पांच मिनट कम कर देती है. आज 31 मई है वो तारीख जिसे हम और आप नो टोबैको डे के नाम से भी जानते हैं.
तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने वाला सरकार का विज्ञापन हमने और आपने न जाने कितनी बार देखा होगा. कभी टीवी पर तो कभी सिनेमा हॉल में, जो ये बताने के लिए काफी है कि तंबाकू जानलेवा है. लेकिन, सच्चाई तो ये है कि तंबाकू हमारी और आपकी जिंदगियों में तेजी से घुसपैठ कर जगह बना रहा है. क्या पुरुष, क्या महिला और क्या बुजुर्ग. आज ज्यादातर लोग इसके चंगुल में फंसे दिखते हैं. फिर चाहे वो सिगरेट हो या पान मसाला. फुर्सत के पल हों या खुशी का मौका हो या फिर यूंही... लोगों के हाथ की अंगुलियों के बीच ये दिखाई ही दे जाती है.
आंकड़े बताते हैं...
- भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है.
- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक देश भी है.
- तंबाकू सेवन के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले ज्यादा है.
- देश में 48% पुरुष किसी न किसी तरह से तंबाकू सेवन करते हैं.
- जबकि 20% महिलाएं भी तंबाकू का सेवन करती हैं.
- 35% से अधिक व्यस्क तंबाकू का सेवन करते हैं.
- 15 साल से अधिक के 30% लोग भी तंबाकू सेवन करते हैं.
- 13-15 साल के 14.6% बच्चे भी तंबाकू सेवन करते हैं.
जानकार बताते हैं कि दिन की एक सिगरेट आपके जिंदगी के 5 मिनट कम कर देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि तंबाकू में 4000 से ज्यादा रसायन पाए जाते हैं, जिनमें से 60 रसायन कैंसर का कराण बनते हैं. इनसे में निकोटीन, बेंजीन, अमोनिया, और एसिटोन ज्यादा घातक होते हैं. निकोटीन ही वो रसायन होता है जिसके कारण आपको तंबाकू की लत और तलब लगती है, जबकी बेंजीन में कोयला और पेट्रोलियम जैसे पदार्थ होते हैं, जो सिगरेट को जले रहने में मदद करता हैं. इससे ब्लड कैंसर हो सकता है. तंबाकू में पाया जाना वाले अमोनिया का इस्तेमाल टॉयलेट क्लीनर में भी होता है. ड्राइक्लीनिंग लिक्विड में भी अमोनिया का इस्तेमाल इस्तेमाल किया जाता है. ये रसायन निकोटीन को अलग कर गैस में बदलता है. वहीं, एसिटोन सांस के जरिए फेंफड़ों में जाता है और दमा, निमोनिया और टी बी का कारण बनता है.
जाहिर है कि तंबाकू सेहत के लिए खतरनाक है. क्योंकि, इसके इस्तेमाल का असर शरीर के हर हिस्से पर पड़ता है और अलग-अलग कैंसर का कारण बनता है.
- पूरी दुनिया में हर साल करीब 70 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन की वजह से होती है.
- सड़क हादसों के बाद तंबाकू सेवन मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.
- सिर्फ भारत में ही हर घंटे 138 लोगों की मौत होती है.
- साल भर में ये आंकड़ा करीब 15 लाख तक पहुंच जाता है.
- सिर्फ धूम्रपान की वजह से पूरे विश्व में होने वाली मौतों में 80% विकासशील देशों में होती है.
- WHO के मुताबिक पैसिव स्मोकिंग भी लोगों की जान लेता है.
- हर साल विश्वभर में करीब 10 लाख लोगों की मौत पैसिव स्मोकिंग की वजह से होती है.
तंबाकू की लत जितनी आसानी से लग जाती है. उतना ही मुश्किल होता है उसे छोड़ना, जिसमें सबसे कड़ी परीक्षा आपके आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति की होती है. जानकारों की मानें को तांबाकू छोड़ने के लिए आप सबसे पहले खुद को तैयार करें. अपने लिए एक तारीख तय करें कि इस तारीख तक आप तंबाकू सेवन छोड़ देंगे. इसके बाद तंबाकू का सेवन बंद कर दें. इसके बाद जब तलब लगे तो खुद को सांत्वावना दें. इसके साथ ही अधिक से अधिक पानी पीएं. ऐसा कर आप तंबाकू छोड़ स्वस्थ जींदगी जी सकते हैं.