Women Reservation Bill, Timeline: पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने संसद के विशेष सत्र के पहले दिन महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक कल दोपहर 2.15 बजे इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा. सरकार इस बिल को विशेष सत्र में ही पास करवा सकती है. महिला आरक्षण बिल साल 2010 में राज्यसभा से पारित हो चुका है. संसद से बिल पास होते ही महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33 फीसदी या एक तिहाई आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा. दुनिया की बात करें तो महिला प्रतिनिधित्व के मामले में भारत 144वें नंबर पर है. 

Women Reservation Bill:रवांडा, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका से पीछे भारत

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इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक संसद में महिला प्रतिनिधित्व के मामले में भारत 193 देशों में 144वें नंबर पर हैं. भारत में फिलहाल 78 महिला सांसद हैं. इसमें लोकसभा में केवल 14 फीसदी महिला सांसद हैं. वहीं, राज्यसभा में केवल 11 फीसदी महिला सांसद है. पहली लोकसभा में केवल पांच फीसदी महिला सांसद थीं. ऐसे में पिछले 70 से अधिक साल में महिला सांसदों की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि, रवांडा (61 फीसदी), दक्षिण अफ्रीका (43 फीसदी) और बांग्लादेश (21 फीसदी) भारत से आगे हैं. 

Women Reservation Bill, Timeline: 1996 में पहली बार आया था विधेयक

महिला आरक्षण बिल सबसे पहले पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के कार्यकाल में 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया गया था. सरकार के अल्पमत में आने के बाद 12वीं लोकसभा में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 84वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में इसे एक बार फिर पेश किया गया था. अल्पमत होने के कारण 12वीं लोकसभा भंग हो गई और ये बिल एक बार फिर गिर गया. 13वीं लोकसभा में एनडीए सरकार ने एक बार फिर पेश किया लेकिन, आम सहमति नहीं जुटा पाई. इसके बाद साल 2002 और 2003 में ये बिल लाया गया लेकिन, ये पास नहीं हो सका.    

Women Reservation Bill, Timeline: यूपीए सरकार ने राज्यसभा में किया पेश

साल 2008 में पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक को राज्यसभा में पेश किया. इसे कानून और न्याय पर स्थाई समीति को सिफारिशों के लिए भेज दिया गया. साल 2009 में स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट दी और एक बार फिर इसे संसद में पेश किया गया. समाजवादी पार्टी, जेदीयू और राजद ने इस विधेयक का विरोध किया. 25 फरवरी 2010 को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इस बिल को मंजूरी दी. 

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आठ मार्च 2010 को राज्यसभा में विधेयक पेश किया गया और 10 मार्च को 186 मतों से इसे पास किया गया. हालांकि, इसके बाद से ही इसे लोकसभा में पेश नहीं किया गया है.