कोरोना वैक्सीन बनाने के पीछे क्या थी भारत की कहानी, स्वास्थ्य मंत्री ने लॉन्च की Braving a Viral Storm नाम की बुक
वैक्सीन की रेस में भारत की इस तैयारी से लेकर जीत तक की पूरी कहानी को शब्दों के जरिए एक किताब में उतार दिया गया है. आशीष चंदोरकर और सूरज सुधीर ने ये किताब लिखी है, जिसका नाम है- Braving a Viral Storm. इस किताब में भारत की कोरोना से लड़ाई और कठिन हालात में वैक्सीन बनाने की चुनौतियों की अंदर की कहानी बताई गई है.
कोरोना वायरस (Corona Virus) ने जब हमारी धरती पर दस्तक दी तो दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका तोड़ ढूंढ़ने में जुट गए. वैज्ञानिकों ने दावा किया कि वैक्सीन के जरिए कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रभाव को कम किया जा सकता है. जिसके बाद विश्व के अलग-अलग देशों में कोरोना की वैक्सीन बनाने की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गईं, इन देशों में भारत का नाम भी शामिल था. आखिरकार, भारत ने 11 महीने के भीतर कोरोनावायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) बना ली. कोरोना की वैक्सीन बनाना कोई मामूली बात नहीं थी, लिहाजा हमारे देश की जमकर तारीफ हुई. हालांकि, एक वर्ग ऐसा भी था जिसने हमारी वैक्सीन पर सवाल खड़े किए और जमकर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा.
Braving a viral storm में लिखी गई वैक्सीन की कहानी
वैक्सीन की रेस में भारत की इस तैयारी से लेकर जीत तक की पूरी कहानी को शब्दों के जरिए एक किताब में उतार दिया गया है. आशीष चंदोरकर और सूरज सुधीर ने ये किताब लिखी है, जिसका नाम है- Braving a Viral Storm. इस किताब में भारत की कोरोना से लड़ाई और कठिन हालात में वैक्सीन बनाने की चुनौतियों की अंदर की कहानी बताई गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस किताब को लॉन्च किया. आशीष चंदोरकर ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस किताब की एक कॉपी भेंट की.
16 जनवरी, 2021 को भारत में शुरू हुआ था वैक्सीनेशन ड्राइव
आशीष चंदोरकर पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट हैं और फिलहाल WTO में भारत के मिशन डायरेक्टर हैं. आशीष के मुताबिक भारत की वैक्सीन यात्रा के लिए कैसे पॉलिसी बनाई गई और विश्व को भारत की वैक्सीन पर भरोसा हो, इसके लिए कैसे काम किया गया, किताब में ये खुलासा किया गया है. बताते चलें कि 16 जनवरी, 2021 से भारत में वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत हुई थी. किताब को वैक्सीनेशन के दो साल पूरा होने पर लॉन्च किया गया है.
बिक्री के लिए मार्केट और ऑनलाइन उपलब्ध हुई किताब
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली में किताब का विमोचन किया. मांडविया के मुताबिक, "दुनिया जब भारत को सवालों की नजर से देख रही थी तब भारत ने रिसर्च करके वैक्सीन लॉन्च की और बिना वीआईपी कल्चर के देशभर में वैक्सीन लगाई गई. यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपनी उम्र और बारी के हिसाब से वैक्सीन लगवाई." बताते चलें कि इस किताब की कीमत 495 रुपए तय की गई है. ये किताब बिक्री के लिए मार्केट में आ चुकी है और ऑनलाइन सेल के लिए भी उपलब्ध है.