Weather Report: दिल्ली में बढ़ गई ठंड, शिमला और धर्मशाला भी रह गए पीछे, जानिए दूसरी जगहों का हाल
दिल्ली में शुक्रवार को अचानक से ठंड बढ़ गई. इस मामले में शिमला और धर्मशाला जैसे हिल स्टेशन भी पीछे रह गए. शिमला में मौसम कार्यालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कई जगह पहाड़ी पर्यटन स्थलों की तुलना में ज्यादा ठंडे रहे.
दिसंबर आधा निकल गया है, इसी के साथ ठंड ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को अचानक से पारा गिर गया और ठंडक बढ़ गई. इस इस मामले में शिमला और धर्मशाला जैसे हिल स्टेशन भी पीछे रह गए. शिमला में मौसम कार्यालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कई जगह पहाड़ी पर्यटन स्थलों की तुलना में ज्यादा ठंडे रहे.
दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शिमला में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो गुरुवार से 1.8 डिग्री ज्यादा है. वहीं धर्मशाला में न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस और डलहौजी में 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
जानिए अन्य हिस्सों का हाल
इसके अलावा पंजाब के अमृतसर में 8 डिग्री, लुधियाना में 11.8 डिग्री, हरियाणा के हिसार में 6.2 डिग्री और
करनाल में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री रहा. शिमला के मौसम कार्यालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि मैदानी इलाकों की तुलना में शिमला और धर्मशाला में रात का तापमान अधिक रहा.
एक प्राकृतिक घटना है ये
शिमला के मौसम कार्यालय के अधिकारी के मुताबिक यह एक प्राकृतिक घटना है और मुख्य रूप से पहाड़ की चोटियों पर एक परत के जमने के कारण होती है. आमतौर पर ऊंचाई बढ़ने पर हवा ठंडी हो जाती है.अधिकांश मैदानी इलाकों में दिन का तापमान शिमला की तुलना में असामान्य रूप से अधिक है. मैदानी इलाकों से उठी गर्म हवा पहाड़ों की मौजूदा ठंडी हवा पर हावी हो गई.
हिमाचल में सबसे ठंडी रही ये जगह
जीरो से 3.5 डिग्री नीचे लाहौल-स्पीति जिले का सुमदोह हिमाचल प्रदेश में सबसे ठंडा रहा. हिमाचल के कसौली, चैल, कुफरी, नारकंडा और पालमपुर जैसे लोकप्रिय स्थलों में मौसम सुहाना रहने की उम्मीद है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कैस्पियन सागर से उठने वाली और अफगानिस्तान पाकिस्तान क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स इस क्षेत्र में सक्रिय नहीं होतीं, तब तक पहाड़ियों में शुष्क मौसम जारी रहेगा.