भगोड़ा घोषित विजय माल्‍या (Vijay Mallya) की भारत के खिलाफ प्रत्‍यर्पण की अर्जी ब्रिटिश कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी है. इससे अब उसके भारत डिपोर्ट करने की बाधा दूर हो गई है. अब ब्रिटिश सरकार के गृह मंत्री साजिद जावेद को उसके प्रत्‍यर्पण पर निर्णय लेना है. साजिद पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश राजनीतिज्ञ हैं. 

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साजिद इस मुकाम पर पहुंचने वाले पहले मंत्री

साजिद ब्रिटेन के इतिहास में ये मुकाम हासिल करने वाले पाकिस्तानी मूल के पहले पॉलिटीशियन हैं. उनका जन्म 1969 में ब्रिटेन के रोशडेल कस्बे में हुआ. साजिद का परिवार पहले पाकिस्‍तान में रहता था. रोजगार की तलाश में उनके पिता अब्दुल गनी ब्रिटेन चले गए थे. उनके परिवार ने भी भारत-पाकिस्तान विभाजन की त्रासदी को झेला है. 

जावेद पर निर्भर है माल्‍या का डिपोर्टेशन

माल्‍या की कोर्ट में हार के बाद अब यह जावेद पर निर्भर करता है कि वह कितनी जल्‍दी माल्‍या को भारत प्रत्‍यर्पित कर दें. हालांकि इससे पहले जावेद ने 3 फरवरी 2019 को अच्‍छी तरह विचार करने के बाद माल्या को भारत भेने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे. लेकिन माल्‍या इसके खिलाफ कोर्ट चला गया.

कितना समय लग सकता है प्रत्‍यर्पण में

प्रत्यर्पण यानि Extradition संधि दो देशों के बीच होती है. इसके तहत एक देश में अपराध करके दूसरे देश भागने वाले भगोड़े अपराधी को स्‍वदेश लौटा दिया जाता है. भारत की 47 देशों से प्रत्यर्पण संधि है. भारत लंबे समय से इस प्रयास में है कि दशकों से फरार आतंकवादी दाऊद इब्राहिम समेत अन्‍य आर्थिक भगोड़े अपराधियों-ललित मोदी, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भी भारत प्रत्‍यर्पित कर लिया जाए.

देश का पहला भगोड़ा अपराधी

धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत शराब कारोबारी माल्या भगोड़ा वित्तीय अपराधी घोषित हो चुका है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) स्पेशल कोर्ट में अर्जी पर ऐसा हुआ था. इसके बाद ही भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (FEOA) के तहत विजय माल्या का नाम देश के पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हो गया.

इस कानून में जांच एजेंसियों को अपराधी की सारी संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है. इसके बाद ही ईडी और अन्‍य एजेंसियों ने माल्‍या और नीरव मोदी की कई संपत्ति जब्‍त कर उन्‍हें नीलाम कर दिया था.