कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते दुनिया भर में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार (Indian government) गुरुवार  7.5.2020 से 'वंदे भारत मिशन' (Vande Bharat Mission) और 'सेतु समुद्र' (Setu Samudra) अभियान शुरू किया है. ये अभियान अगले सात दिनों तक चलाया जाएगा. इस अभियान के पहले दिन 10 देशों से कुल 2300 लोगों को निकालने का प्लान बनाया गया है. पहले दिन बड़ी संख्या में खाड़ी देशों से लोगों को निकाला जाएगा.

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पहले दिन इन देशों से निकाले जाएंगे लोग

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पहले दिन यूएई के आबू धाबी से 200 , दुबई से 200, साउदी अरब के रियाद से 200 और कतर के दोहा से 200 लोगों को निकाला जाएगा. ये लोग कोची और काजीकोड लाए जाएंगे. लंदन से 250 लोगों को लेकर विशेष विमान मुंबई पहुंचेगा. सिंगापुर से एक विमान 250 लोगों को लेकर मुंबई आएगा. मलेशिया के क्लालाम्पुर से लगभग 250 लोग विशेष विमान से दिल्ली पहुंचेंगे. अमेरिका के सेन फ्रेंसिस्को से इस अभियान के तहत 300 लोगों को निकाल कर मुंबई और हैदराबाद लाया जाएगा. फिलीपीन्स के मनीला से 250 लोग अहमदाबाद पहुंचेंगे. बांगलादेश के ढाका से 200 लोगों को निकाल कर श्रीनगर ले जाया जाएगा.  

7 दिन में कुल 14800 लोगों को निकाला जाएगा

12 देशों से करीब 14800 भारतीयों को एयरलिफ्ट (airlift) करने का प्लान बनाया है. मालदीव से 1 हजार भारतीयों को समंदर के रास्ते लाए जाने की तैयारी की गई है. 12 देशों में फंसे करीब 15 हजार भारतीयों को एयर इंडिया की 64 स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए लाया जाएगा. सरकार की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि विदेशों से जिन नागरिकों को निकाल कर भारत लाया जाएगा उन्हें इस प्रक्रिया के तहत आने वाला खर्च खुद उठाना होगा. विदेशों से जिन लोगों को देश में वापस लाया जाएगा उन्हें या क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Center) में रखा जाएगा.  यहां रहने का खर्च भी इन नागरिकों को खुद ही उठाना होगा. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अलग-अलग देशों से आने वाले यात्रियों को 12 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक किराया देना होगा.  

नौसेना 8 मई से शुरू करेगी मिशन

भारतीय नौसेना ने विदेशों से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन "समुद्र सेतु" शुरू किया है. भारतीय नौसेना के समुद्री जहाज जलश्वा और मगर इस समय मालदीव गणराज्य के माले बंदरगाह के रास्ते में हैं, जो चरण-1 के भाग के रूप में 8 मई 2020 से निकासी अभियान शुरू करेंगे. मालदीव गणराज्य में भारतीय मिशन नौसेना के जहाजों द्वारा वापिस लाए जाने वाले भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहा है.  मेडिकल चेकअप के बाद वहां से लोगों को निकाला जाएगा.  पहली यात्रा के दौरान कुल 1000 व्यक्तियों को वापिस लाने की योजना है.

 

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इन लोगों को मिलेगी प्राथमिक्ता

सरकार ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी तथा भारत में रह रहे उन व्यक्तियों के लिए मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जो अत्यावश्यक कारणों से विदेश की यात्रा करने के इच्छुक हैं.  एक सरकारी आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विदेश से लौटने के लिए विवशता वाले ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां लोग संकट में हैं.  उनमें नौकरी से निकाले जा चुके प्रवासी कामगार तथा वे लोग भी शामिल हैं जिनकी अल्पावधि वीजा की समयसीमा बीत गई है. गृह मंत्रालय (home Ministry) ने कहा कि  मेडिकल इमरजेंसी वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बूढे़ लोगों तथा परिवार के सदस्य की मौत की वजह से भारत लौटने को इच्छुक लोगों सहित स्टूडेंट (students) को प्राथमिकता दी जाएगी तथा यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा.  प्राप्त रजिस्ट्रेशन के आधार पर विदेश मंत्रालय ऐसे यात्रियों का उड़ान या जहाज के हिसाब से डाटाबेस तैयार करेगा जिसमें उनके नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, एड्रेस, और पीसीआर टेस्टिंग के रिजल्ट की सूचना शामिल होगी.