कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते लॉकडाउन (Lockdown) के बीच विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार (Indian government) ने 'वंदे भारत मिशन' (Vande Bharat Mission) और 'सेतु समुद्र' (Setu Samudra) अभियान शुरू किया है.  इस अभियान के तहत 7 मई से अगले 7 दिनों तक 12 देशों से करीब 15 हजार भारतीयों को एयरलिफ्ट (airlift) करने का प्लान बनाया है. मालदीव से 1 हजार भारतीयों को समंदर के रास्ते लाए जाने की तैयारी की गई है. 12 देशों में फंसे करीब 15 हजार भारतीयों को एयर इंडिया की 64 स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए लाया जाएगा. सरकार की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि विदेशों से जिन नागरिकों को निकाल कर भारत लाया जाएगा उन्हें इस प्रक्रिया के तहत आने वाला खर्च खुद उठाना होगा. विदेशों से जिन लोगों को देश में वापस लाया जाएगा उन्हें या क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Center) में रखा जाएगा.  यहां रहने का खर्च भी इन नागरिकों को खुद ही उठाना होगा. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अलग-अलग देशों से आने वाले यात्रियों को 12 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक किराया देना होगा.  

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लंदन (London) से आने के लिए प्रति यात्री लगभग 50 हजार रुपए किराया देना होगा  है. वहीं सिंगापुर (Singapore) से आ रहे लोगों को 18 से 20 हजार रुपए चुकाने पड़ सकते हैं. सबसे अधिक किराया अमेरिका (America) से आने वाले यात्रियों को देना होगा.  इन्हें प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ सकते हैं. बांग्लादेश की राजधानी ढाका से जो नागरिक आएंगे उन्हें सबसे कम 12 हजार रुपए का टिकट लेना होगा.      

बहुत से भारतीय खाड़ी देशों में रोजगार की तलाश में जाते हैं.  इसको ध्यान में रखते हुए खाड़ी देशों से भी लोगों को निकालने के लिए प्लान तैयार हुआ है.  दुबई (दुबई) से दिल्ली का किराया 13 हजार रुपए तय किया गया है तो अबु धाबी (Abu Dhabi) से हैदाराबाद तक सफर के लिए लगभग 15 हजार रुपए खर्च करने होंगे. मनीला से दिल्ली आने के लिए 30 हजार रुपए देने होंगे. जेद्दा से दिल्ली का किराया लगभग 25 हजार रुपए है. कुवैत से अहमदाबाद का सफर लगभग 14 हजार रुपए में किया जा सकता है तो कुवैत से हैदराबाद (Hyderabad) जाने वाले यात्रियों को लगभग 20 हजार का टिकट लेना होगा.  सिंगापुर से दिल्ली का किराया 20 हजार रुपए है.  

सरकार ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी तथा भारत में रह रहे उन व्यक्तियों के लिए मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की जो अत्यावश्यक कारणों से विदेश की यात्रा करने के इच्छुक हैं.  एक सरकारी आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विदेश से लौटने के लिए विवशता वाले ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां लोग संकट में हैं.  उनमें नौकरी से निकाले जा चुके प्रवासी कामगार तथा वे लोग भी शामिल हैं जिनकी अल्पावधि वीजा की समयसीमा बीत गई है. 

गृह मंत्रालय (home Ministry) ने कहा कि  मेडिकल इमरजेंसी वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बूढे़ लोगों तथा परिवार के सदस्य की मौत की वजह से भारत लौटने को इच्छुक लोगों सहित स्टूडेंट (students) को प्राथमिकता दी जाएगी तथा यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा.  प्राप्त रजिस्ट्रेशन के आधार पर विदेश मंत्रालय ऐसे यात्रियों का उड़ान या जहाज के हिसाब से डाटाबेस तैयार करेगा जिसमें उनके नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, एड्रेस, और पीसीआर टेस्टिंग के रिजल्ट की सूचना शामिल होगी.