किसानों की बल्ले-बल्ले, गेहूं की कीमतों में इजाफे का ऐलान, जानें क्या होंगे नए दाम
उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने गेहूं के एमएसपी (Wheat MSP) में 65 रुपये/ क्विंटल के इजाफे की घोषणा की है.
उत्तर भारत में खेतों में गेहूं की फसल (Wheat Crop) लहलाह रही है. अगले महीने से गेहूं की कटाई शुरू हो जाएगी. बैसाख में फसल की कटाई का हर किसान को बेसब्री से इंतजार रहता है. क्योंकि इस फसल को बाजार में बेचकर वह अपने काम पूरे करता है. यहां तक कि भारत के गांव-देहातों में ज्यादातर ब्याह-शादी इसी सीजन में होती हैं. इस बीच उत्तराखंड (Uttarakhand) के किसानों के लिए एक अच्छी खबर ये है कि राज्य सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price -MSP) में इजाफे का ऐलान किया है.
उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने गेहूं के एमएसपी (Wheat MSP) में 65 रुपये/ क्विंटल के इजाफे की घोषणा की है. सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में गेहूं का एमएसपी बढ़कर 1925 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने एमएसपी में बढ़ोतरी के बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं.
सचिवालय में मुख्यमंत्री ने रबी खरीद (Rabi Crops) सत्र 2020-21 की समीक्षा करते हुए ये निर्देश जारी किए. प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 3,27,000 हेक्टेयर में गेहूं की बुआई व 9,60,000 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
पिछले साल प्रदेश में गेहूं का समर्थन मूल्य 20 रुपये बोनस के साथ कुल 1860 रुपये प्रति क्विंटल था. इसमें अब 65 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों को उनकी उपज का समय पर भुगतान हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. किसानों को समय पर उनकी फसल का भुगतान हो, इसके लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ की धनराशि खाद्य विभाग को दिए जाने की भी मंजूरी दी है. रावत ने समय पर गेहूं क्रय केन्द्रों की स्थापना, हरिद्वार में स्टोरेज क्षमता बढ़ाये जाने की व्यवस्था किये जाने के भी निर्देश दिए हैं.
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अनाज उत्पादन में बनेगा नया रिकॉर्ड
मॉनसून के मेहरबान रहने से भारत इस साल गेहूं, धान, चना समेत खाद्यान्नों के कुल उत्पादन में फिर नया रिकॉर्ड बनाएगा. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में इस साल करीब 29.19 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 67.4 लाख टन अधिक है. फसल वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.52 करोड़ टन था. बीते मानसून सीजन के दौरान औसत से 10 फीसदी अधिक बारिश हुई जिससे खरीफ समेत रबी फसलों की बंपर पैदावार की आस जगा दी है.
(रिपोर्ट- कुलदीप नेगी/ देहरादून)