उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती-किसानी को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं. योगी सरकार ने धान खरीद नीति जारी करते हुए धान की कीमतों में 65 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा करने का ऐलान किया है. साथ ही सरकार ने दावा किया है कि किसानों को उनकी फसल का भुगतान 72 घंटे के भीतर कर दिया जाएगा.

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योगी सरकार ने बंटाई और कांट्रैक्ट फार्मिंग करने वाले किसानों से धान की खरीद करने का ऐलान किया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने खरीफ फसल 2019 के लिए धान खरीद नीति जारी कर दी है. हर साल की तरह सरकार किसानों से सीधे धान खरीदेगी. उन्होंने बताया कि सरकार इस खरीफ सीजन में किसानों से 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेगी. और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 65 रुपये/क्विंटल का इजाफा किया गया है.

अब कॉमन धान 1815 रुपये/क्विंटल, ग्रेड-ए का धान 1835 रुपये/क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. इसके अलावा धान की उतराई, छनाई और सफाई के लिए किसानों को 20 रुपये/क्विंटल अगल से दिए जाएंगे.

श्रीकांत शर्मा ने बताया कि धान खरीद का पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा. धान बेचने के लिए पहले किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. और धान खरीद के 72 घंटों के भीतर किसानों के बैंक खातों में ऑनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा.

 

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उन्होंने बताया कि  कुछ जिलों में 1 अक्तूबर से धान खरीद शुरू हो जाएगी, जो 31 जनवरी 2020 तक चलेगी. इनमें हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी शामिल हैं. जबकि कुछ जिलों में खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी, जो 29 फरवरी, 2020 तक चलेगी. इनमें लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर आदि जिले शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 100 क्विंटल से ज्यादा धान लाने वाले किसानों से पैदावार का सबूत मांगा जाएगा. 

इसके अलावा सरकार ने उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के प्रख्यापन का प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. कृषि निर्यात को बढ़ाना और 2024 तक कृषि निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य किया तय किया गया है. वर्तमान में 2524 मिलियन यूएस डालर (17591 करोड़ रुपए) है, इस मूल्य को दोगुना करना है.