केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी, बढ़ते तापमान और लू को लेकर दिए ये निर्देश
इस चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव ने रोजाना मॉनीटरिंग की सलाह दी है और 1 मार्च से राज्यों को स्वास्थ्य संबंधी सभी विभागों से रोजाना जानकारी साझा करने की हिदायत दी है.
देश के तमाम हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से तापमान काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव (Union Health Secretary) राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने दूसरे राज्यों के मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखी है और गर्मी से जुड़ी तमाम बीमारियों को लेकर सजग रहने के लिए कहा है.
इस चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव ने रोजाना मॉनीटरिंग की सलाह दी है और 1 मार्च से राज्यों को स्वास्थ्य संबंधी सभी विभागों से रोजाना जानकारी साझा करने की हिदायत दी है. इसके अलावा Do's and Don'ts भी जारी करने के लिए कहा है. अपनी चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिव को बढ़ती गर्मी के मद्देनजर सभी तरह की तैयारी करने की सलाह दी है, साथ ही दवा, अस्पताल और संबन्धित इंफ्रास्ट्रक्चर को अपडेट रखने के निर्देश दिए हैं.
बता दें अभी फरवरी खत्म भी नहीं हो पाई है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तर भारत के कई राज्यों में पारा 33 डिग्री के पार पहुंच गया है. इसको देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार समय से पहले ही गर्मी और लू की शुरुआत हो सकती है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस साल 15 मार्च से पहले ही लू का असर देखने को मिल सकता है.
तापमान में वृद्धि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण होती है. बारिश का कम होना एक बड़ा कारण है. इस मामले में जानकारों का कहना है कि नवंबर और दिसंबर के दौरान कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं था, मैदानी और पहाड़ी इलाकों में बारिश की भी कमी देखी गई. कम बारिश का ही नतीजा है कि दिल्ली, राजस्थान, उत्तर भारत, हरियाणा समेत तमाम इलाकों में तापमान तेजी से बढ़ा है.