शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर 2022 के दौरान घटकर 7.2 प्रतिशत रह गई. जबकि, एक साल पहले इसी अवधि के दौरान बेरोजगारी दर 8.7 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (NSSO) ने ये जानकारी दी. कुल श्रम बल के बीच बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत को बेरोजगारी दर कहते हैं. कोविड महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के कारण अक्टूबर-दिसंबर 2021 में बेरोजगारी दर बढ़कर काफी ज्यादा हो गई थी. हालांकि, इसके बाद जुलाई-सितंबर 2022 में भी बेरोजगारी दर 7.2 फीसदी ही थी.

महिलाओं की बेरोजगारी दर में देखी गई गिरावट 

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इसी तरह निश्चित समय पर होने वाले 17वें श्रम बल सर्वे (PLFS) के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में अप्रैल-जून 2022 में बेरोजगारी दर (यूआर) 7.6 प्रतिशत थी. सर्वे के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में महिलाओं में बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर 2022 में सालाना आधार पर 10.5 प्रतिशत से घटकर 9.6 प्रतिशत हो गई. पुरुषों में बेरोजगारी दर सालाना आधार पर 8.3 प्रतिशत से घटकर अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 6.5 प्रतिशत थी. सर्वे के मुताबिक जुलाई 2021 से जून 2022 में बेरोजगारी दर घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई थी. इससे एक साल पहले की इसी अवधि में ये आंकड़ा 4.2 प्रतिशत था.

दिसंबर, 2022 में ईपीएफओ से जुड़े 14.93 लाख सदस्य

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 20 फरवरी, 2023 को दी गई जानकारी के मुताबिक ईपीएफओ ने दिसंबर, 2022 में कुल 14.93 लाख सदस्य जोड़े हैं. पेरोल डेटा की सालाना तुलना के आधार पर साल 2021 के दिसंबर महीने की तुलना में साल 2022 के दिसंबर महीने में कुल सदस्‍यता में 32,635 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर, 2022 में जोड़े गए 14.93 लाख सदस्यों में से करीब 8.02 लाख नए सदस्य हैं, जो पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं.

ईपीएफओ के मुताबिक इस दौरान लगभग 3.84 लाख सदस्य इसके दायरे से बाहर निकल गए जबकि 10.74 लाख सदस्य ईपीएफओ की सदस्यता के दायरे से बाहर जाने के बाद दोबारा इसके सदस्‍य बन गए.

पीटीआई इनपुट्स के साथ