भारत सरकार और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच विवाद कुछ बढ़ा नजर आ रहा है. सरकार द्वारा कुछ कंटेंट पर आपत्ति जताने के बाद उसे प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग के खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का रुख कर लिया है. सूत्रों ने बताया कि ट्विटर का मानना है कि आईटी मंत्रालय द्वारा कुछ कंटेंटों को हटाने की मांग "IT Act की धारा 69 A" के नियमों को पूरा नहीं करते हैं. 

ट्विटर ने दी सफाई

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ट्विटर की तरफ से आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार ने जिन कंटेंट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है, उन्हें देखकर ऐसा लगता तो है कि वह IT Act की धारा 69 A का उल्लंघन तो करते हैं, लेकिन यह साबित नहीं कर पाते हैं कि कैसे नियमों का उल्लंघन हुआ है. 

 

इसक पहले भारत सरकार ने ट्विटर को आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत भेजे गए कंटेंट टेक डाउन नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए कहा था. इसके साथ ही सरकार ने Twitter से नियमों की अनदेखी पर भी कार्रवाई करने को कहा है.

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ज्यूडिशल रिव्यू लेगा ट्विटर

सूत्रों ने बताया कि Twitter ने कुछ कंटेंट, जिन्हें ब्लॉक करने का आदेश आया है, को लेकर न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) की मांग की है. Twitter ने ब्लॉकिंग को लेकर दिए इन आदेशों से राहत की मांग की है.

सरकार ने दिया जवाब

 

ट्विटर द्वारा कर्नाटक HC में याचिका दायर करने पर Meity राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने ट्वीट कर कहा कि भारत में सभी को कोर्ट जाकर ज्यूडिशयल रिव्यू लेने का अधिकार है, लेकिन अगर भारत ऑपरेट करना है तो आपको भारतीय कानून को मानना होगा.