पिछले कुछ समय से जिस तरह टमाटरों के दाम तेजी से बढ़ रहे थे, अब सरकार की ओर से इन कीमतों में कमी आने की उम्‍मीद जताई गई है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि महाराष्ट्र के नासिक, नारायणगांव, औरंगाबाद बेल्ट और मध्य प्रदेश में नई फसल की आवक बढ़ने से टमाटर की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.

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राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि टमाटर को शुरू में खुदरा मूल्य 90 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा गया था, जिसे 16 जुलाई से घटाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया और 20 जुलाई से इसे और घटाकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया. मंत्री ने बताया कि टमाटर की कीमतों में वर्तमान वृद्धि किसानों को टमाटर की अधिक फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे आने वाले महीनों में कीमतें स्थिर होने की उम्मीद है.

चौबे ने आगे कहा कि उपभोक्ता मामला विभाग टमाटर सहित 22 आवश्यक खाद्य वस्तुओं की दैनिक कीमतों की निगरानी करता है. टमाटर की कीमतों में मौजूदा वृद्धि को रोकने और इसे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण निधि के तहत टमाटर की खरीद शुरू कर दी है. सरकार इसे उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) लगातार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीद रहे हैं और सब्सिडी देने के बाद इसे दिल्ली-एनसीआर, बिहार और राजस्थान के प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में किफायती कीमतों पर उपलब्ध करा रहे हैं.

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