Tomato Flu: 5 साल से कम उम्र के 82 बच्चे बने शिकार! भारत में फैल रहा टोमेटो फ्लू- जानें लक्षण और बचाव
Tomato flu: कोरोना ने जहां अब तक अपनी जड़ें दुनिया में फैला रखी हैं, वहीं अब मेडिकल एक्सपर्ट्स के लिए Tomato Flu नाम की एक और नई चुनौती नजर आ रही है.
भारत के मेडिकल एक्सपर्ट अब एक और नए वायरस से लड़ने की तैयारी में जुटे हैं. Lancet study की मानें तो भारत में टोमेटो फ्लू के करीब 82 केस देखे जा चुके हैं. जहां पहला केस 6 मई के दिन रिपोर्ट किया गया था. स्टडी की मानें तो ये नया वायरस बच्चों को अपना शिकार बनाता दिख रहा है. 1 से 5 साल के बच्चों में ये फ्लू देखा गया है. वहीं इम्यूनकॉम्प्रोमाइज्ड एडल्ट भी हाथ, पैर और मुंह से जुड़ी बीमारी का नया वैरिएंट हो सकते हैं.
क्या है टोमेटो फ्लू (What is tomato flu)
टोमेटो फ्लू वायरस सबसे पहले केरला में 6 मई 2022 के दिन रिपोर्ट किया गया था. इसके शुरूआती लक्षण कोरोना से काफी मेल खाते हैं, लेकिन ये वायरस SARS-CoV-2 से रिलेटेड नहीं है. बल्कि ये एक वायरल इन्फेक्शन है. Tomato Flu बच्चों में चिकनगुनिया और डेंगू जैसे फीवर के बाद डेवेलप हो सकता है.
क्यों कहा जाता है टोमेटो फ्लू
इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं, जो कि काफी दर्दनाक भी होते हैं. ये बड़े हो कर टमाटर के आकार तक पहुंच सकते हैं. इसलिए इन्हें टोमेटो फ्लू कहा गया है.
जानें लक्षण (Symptoms of tomato flu)
टमाटर फ्लू वाले बच्चों में देखे जाने वाले शुरूआती लक्षण चिकनगुनिया के समान होते हैं, जिसमें तेज बुखार, चकत्ते और जोड़ों में तेज दर्द शामिल हैं. इसके कुछ लक्षण जैसे शरीर में दर्द, बुखार और थकान कोविड -19 रोगियों के लक्षणों की तरह पाए गए. बाकि लक्षणों में जोड़ों में सूजन, मतली, दस्त, डीहाइड्रेशन, और तेज बुखार शामिल हैं. कुछ मामलों में, रोगियों ने अपनी स्किन पर चकत्ते के बन जाने की बात भी कही. इस तरह के लक्षण वाले मरीजों को डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस, वैरीसेला-जोस्टर वायरस और हर्पीज जैसे वायरस की जांच करवाना चाहिए. ये जांच मॉलिक्यूलर और सेरोलोजिकल टेस्ट के जरिए होती है. अगर इनमें से कोई बीमारी नहीं पाई जाती है तो ये टोमेटो फ्लू हो सकता है.
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ट्रीटमेंट (Tomato flu treatment)
Tomato flu का ट्रीटमेंट चिकनगुनिया और डेंगू जैसे बीमारियों की तरह ही है. मरीज को आईसोलेट होने और आराम करने की सलाह दी जाती है. रैश पर गरम पानी का स्पंज लगाकर सिकाई की जा सकती है.