सरकार को इस सीजन 3-4 करोड़ टन गेहूं खरीद की उम्मीद, बीते साल टारगेट से काफी कम थी बिक्री
wheat procurement news: सरकार हर साल किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदती है. अप्रैल से शुरू होने वाले मार्केटिंग सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 2125 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का MSP तय किया है जो एक साल पहले के मुकाबले 110 रुपए ज्यादा है.
wheat procurement news: पिछले साल लक्ष्य से कम खरीद के बाद इस साल सरकार ने गेहूं (wheat) की अच्छी खरीद होने की उम्मीद जताई है. फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के CMD अशोक के के मीणा ने अप्रैल से शुरू होने वाले नए मार्केटिंग सीजन में 3 से 4 करोड़ टन गेहूं खरीद का भरोसा जताया है. पिछले साल सरकार ने पहले 444 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, लेकिन खरीद केंद्रों पर आवक नहीं होने से बाद में लक्ष्य को घटाकर 195 लाख टन कर दिया गया था. इसके बावजूद सरकार खरीद का ये लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी थी.
कितना है गेहूं का एमएसपी
खबर के मुताबिक, सरकार हर साल किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदती है. अप्रैल से शुरू होने वाले मार्केटिंग सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 2125 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का MSP तय किया है जो एक साल पहले के मुकाबले 110 रुपए ज्यादा है. वहीं सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद मंडियों में गेहूं की कीमतें अभी भी 2200 रुपए के काफी ऊपर है. हालांकि ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत बाजार में लगातार गेहूं जारी करने और नई फसल के आवक शुरू होने से FCI (Food Corporation of India) को अप्रैल से गेहूं की कीमतों में और कमी का भरोसा है.
ऊंचे भाव से FCI को होगी दिक्कत
पिछले साल नए मार्केटिंग सीजन शुरू होने से पहले से लेकर अब तक मंडियों में गेहूं का भाव लगातार MSP से ऊपर बना हुआ है. इस तरह से मंडियों में ज्यादा भाव मिलने से किसानों को FCI के हाथों गेहूं बेचने में घाटा हो रहा था लिहाजा किसानों ने गेहूं बेचने के लिए FCI की जगह ETG, ग्लेनकॉर, ITC, कारगिल, लुई ड्रेफस, मिडस्टार, कॉनकोर्डिया और बागड़िया ब्रदर्स जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों को ज्यादा तवज्जो दिया जिसका असर ये हुआ सरकार अपना खरीद लक्ष्य पूरा नहीं कर सकी
113 लाख टन गेहूं से नए मार्केटिंग सीजन की होगी शुरुआत
FCI के CMD अशोक के के मीणा ने 1 अप्रैल को सरकारी गोदामों में 113 लाख टन गेहूं (wheat) का भंडार रहने की उम्मीद जताई है भंडारण नियमों के मुताबिक एक अपैल को सरकार के पास करीब 75 लाख टन गेहूं का भंडार रहना चाहिए जिसमें से 30 लाख टन का स्ट्रैटेजिक रिजर्व होता है वहीं एक जुलाई को खरीद पूरी होने तक सरकारी गोदामों में 275 लाख टन का भंडार होना चाहिए सरकार इस गेहूं का इस्तेमाल लोक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा कीमतों पर नियंत्रण के लिए खुले बाजार में बेचने के लिए भी करती है
भीषण गर्मी से भी गेहूं खरीद में दिक्कत संभव
सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश में इस साल 11.2 करोड़ टन गेहूं (wheat) के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है हालांकि देश में समय से पहले तापमान बढ़ने और जाड़े के सीजन में बारिश कम होने से गेहूं की पैदावार को लेकर कुछ आशंका जताई जा रही है पिछले साल मौसम की बेरुखी से ही अनुमान के मुकाबले गेहूं की पैदावार घट गई थी साथ की फसल तैयार होने से पहले गर्मी ज्यादा पड़ने से से FCI के मानक के मुकाबले क्वालिटी में भी कमी आई थी.
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