यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में उम्र कैद की सजा, कोर्ट ने 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया
Yasin Malik Case: यासीन मलिक को दो अपराधों- आईपीसी की धारा 121 और यूएपीए की धारा 17 (यूएपीए) के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
Yasin Malik Case: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को टेरर फंडिंग के मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. मलिक को दो अपराधों- आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (यूएपीए) (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना)- के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
19 मई को करार दिया गया था दोषी
इससे पहले अदालत ने यासीन मलिक को कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था. वहीं नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) ने बुधवार को आतंकवाद के टेरर फंडिंग के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया था. यासीन मलिक ने कश्मीर की आजादी के नाम पर आतंकी गतिविधियों के लिए दुनियाभर से फंड जुटाया था. मलिक ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों में दोष कबूल किया था. अदालत ने मलिक की सजा पर फैसला सुनाने के लिए मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की और आज (25 मई 2022) मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
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पीएजीडी ने बताया “दुर्भाग्यपूर्ण”
वहीं गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने बुधवार को कहा कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाया जाना “दुर्भाग्यपूर्ण” है और इससे शांति के प्रयासों को “धक्का” लगा है. पीएजीडी के प्रवक्ता एम. वाई. तारिगामी ने एक बयान में कहा कि अदालत के फैसले से अलगाववादी भावनाओं में और इजाफा होगा.
श्रीनगर के कुछ इलाकों में झड़प
यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बंद रहे. वहीं शहर के मैसूमा इलाके में जेकेएलएफ के समर्थकों एवं सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुईं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लाल चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित मैसूमा में मलिक के आवास के बाहर बड़ी संख्या में महिलाओं समेत लोग जमा हो गए. उन्होंने अलगाववादी नेता के समर्थन में नारेबाजी की और इलाके में विरोध मार्च निकाला.
अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मैसूमा चौक की तरफ बढ़ने का प्रयास किया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गई. कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके. बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. अधिकारियों के अनुसार किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है.