ED ने तमिलनाडु के मिनिस्टर सेंथिल बालाजी के एक करीबी पर छापा मारा है. न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों की मिली जानकारी के अनुसार इस शख्स पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे ठगने का आरोप है. इस शख्स के करीब 10 ठिकानों पर छापे मारे गए हैं. सेंथिल बालाजी को ईडी के अधिकारियों ने 14 जून को गिरफ्तार किया था. उन्हें नौकरी के बदले पैसे लेने के स्कैम में गिरफ्तार किया गया है. 

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बालाजी को चेन्नई की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया गया है. इस कोर्ट ने बालाजी की कस्टडी को 15 सितंबर के लिए बढ़ा दिया. कोर्ट की तरफ से ईडी की चार्जशीट की एक कॉपी गिरफ्तार किए गए DMK मंत्री को भी दी गई है.

क्या है मामला, जिसमें फंसे सेंथिल बालाजी?

सेंथिल बालाजी जिस केस में फंसे हैं, वह स्कैम 2011 से 2015 के बीच में हुआ है. उस वक्त बालाजी AIDMK के मंत्री थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने राज्य परिवहन विभाग में नौकरी देने के बदले रिश्वत ली है. बालाजी सेंथिल जे जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान परिवहन विभाग के मंत्री हुआ करते थे. साल 2018 में मेट्रो ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MTC) के एक कर्मचारी ने उनके खिलाफ शिकायत की थी. आरोप लगाया गया था कि उन्होंने घूस के तौर पर करीब 4.25 करोड़ रुपये की रिश्वत ली है. 

जब आरोप सामने आया तो उसके बाद मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया. एमटीसी में कई स्तरों पर नौकरियां देने में धांधली की बात सामने आई थी. उसके बाद बालाजी के खिलाफ तीन FIR दर्ज की गईं और बाद में चार्जशीट भी तैयार की गई. जुलाई 2021 में बालाजी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ पीएमएलए केस दर्ज किया गया था और जांच शुरू की गई थी.