सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स ने मुंबई में पेश की अपनी अत्याधुनिक रेफरेंस लैब, जानिए फायदे
यह लैब पश्चिम भारत की पहली निजी लैब भी है जिसने एक अलग बायो सेफ्टी लेवल -3 (BSL3) बायो-कंटेनमेंट लैब के अंतर्गत अपने माइकोबैक्टीरियोलॉजी, माइकोलॉजी और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी डिपार्टमेंट को तैयार किया है.
करीब तीन दशक पुरानी डायग्नोस्टिक लैब सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स (Suburban Diagnostics) ने मुंबई के विद्या विहार में अपनी सबसे बड़ी 'रेफरेंस' लैब की शुरुआत की है. यह अति-आधुनिक लैब है, जो सटीकता के साथ और समय पर डायग्नोस्टिक प्रदान करने के लिए टेस्टिंग की नवीनतम तकनीक और प्रोसेस ऑटोमेशन का उपयोग करता है. साथ ही इसके पास एक व्यापक टेस्ट मेन्यू उपलब्ध है. यह लैब पश्चिम भारत की पहली निजी लैब भी है जिसने एक अलग बायो सेफ्टी लेवल -3 (BSL3) बायो-कंटेनमेंट लैब के अंतर्गत अपने माइकोबैक्टीरियोलॉजी, माइकोलॉजी और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी डिपार्टमेंट को तैयार किया है, जिससे पर्यावरण में किसी भी बायो-रिस्क मटेरियल के आकस्मिक रिलीज जैसे किसी भी संभावित जोखिम से लैब कर्मियों और लैब के बाहर के लोगों, दोनों को सुरक्षित किया जा सके.
रेफरेंस लैब (Reference Lab) के लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए, डॉ. लाल पैथलैब्स के चेयरमैन डॉ.अरविंद लाल ने कहा, लगभग 70% क्लीनिकल निर्णय डायग्नोस्टिक टेस्ट के आधार पर लिए जाते हैं. पिछले 70 वर्षों में हमने अपने चिकित्सकों का विश्वास हासिल किया है और लाखों मरीज हमारे सटीक डायग्नोस्टिक्स के लिए हम पर भरोसा करते हैं. यह नई रेफरेंस लेबोरेट्री उनकी सभी डायग्नोस्टिक संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए सुपर-स्पेशलाइज्ड, स्पेशलाइज्ड और रूटीन टेस्ट की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है.
ये भी पढ़ें- सोना और चांदी जैसा कीमती होता है केसर, जानिए कैसे कर सकते हैं इसकी खेती
TRENDING NOW
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
सिगरेट बनाने वाली कंपनी ने किया 1750% डिविडेंड का ऐलान, नोट कर लें रिकॉर्ड डेट, सालभर में 187% दिया रिटर्न
डॉ. ओम मनचंदा, मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, पश्चिमी भारत में विश्व स्तरीय डायग्नोस्टिक्स प्रदान करने के इरादे के साथ हमने एक रणनीतिक कदम के रूप में 2021 में सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स का अधिग्रहण किया था. सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स और डॉ लाल पैथलैब्स के पास मुंबई, एमएमआर और महाराष्ट्र में सबसे बड़ा कंबाइंड टेस्टिंग लैब नेटवर्क है. यह रेफरेंस लैब हमारे टेस्टिंग और सेंपल कलेक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर में सबसे अग्रणी होगी. इस लैब की मदद से हम डॉक्टरों और रोगियों के एक बड़े वर्ग को बेहतरीन क्वालिटी की सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगे. नई रेफरेंस लैब मुंबई, महाराष्ट्र और पश्चिमी क्षेत्र में हमारी ग्रोथ में काफी सहायता करेगी.
Suburban Diagnostics इस समय मुंबई में मौजूद है. इसी के साथ इसने पुणे, और महाराष्ट्र, गोवा एवं मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. डॉ. संजय अरोड़ा, चेयरमैन, सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स एंड ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. लाल पैथलैब्स ने कहा, सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स ने पिछले 28 वर्षों में अपनी गुणवत्ता के बल पर काफी प्रतिष्ठा प्राप्त की है. रेफरेंस लैब के शुभारंभ के साथ, हम मुंबई, महाराष्ट्र और पश्चिमी भारत के चिकित्सा जगत को हाई एंड सुपर स्पेशलाइज्ड टेस्ट उपलब्ध करने के अपने वादे को पूरा कर रहे हैं. यह रेफरेंस लैब हर स्तर पर तकनीक का उपयोग करती है. यह लैब एक्सेशन, सेंपल इंटिग्रिटी चेक, क्वालिटी कंट्रोल, सैंपल ट्रैकिंग, रिपोर्टिंग और रिपोर्ट डिलीवरी जैसे हर क्षेत्र में ऑटोमेशन का उपयोग करती है. यहां पैथोलॉजिस्ट की मदद करने के लिए एआई-एम्पावर्ड एल्गोरिदम और डिजिटल माइक्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है.
ये भी पढ़ें- नए साल में खुला कमाई का नया मौका, ₹5000 से शुरू करें निवेश, जान लें सभी जरूरी बातें
नई दिल्ली में डॉ. लाल पैथलैब्स की नेशनल रेफरेंस लेबोरेटरी के साथ Suburban Diagnostics रेफरेंस लेबोरेटरी का सहज इंटीग्रेशन मुंबई में अत्यधिक सुपर-स्पेशलाइज्ड टेस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. इसके साथ ही डॉ. लाल पैथलैब्स के जेनेटिक्स डिवीजन तक इसकी पहुंच होगी. इन टेस्ट के लिए नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेन्सिंग और मल्टीप्लेक्स पीसीआर जैसी नई तकनीकों की आवश्यकता होती है. यह इंटीग्रेशन पश्चिमी भारत में चिकित्सकों और रोगियों के लिए एक व्यापक टेस्ट मेन्यू उपलब्ध कराएगा.
IBEF और विदेश मंत्रालय ने अगस्त 2022 को हेल्थकेयर उद्योग पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की और उस रिपोर्ट में, 2022 तक भारतीय हेल्थ केयर इंडस्ट्री के 372 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था. इसमें 2022 के अंत तक अकेले डायग्नोस्टिक मार्केट के 32 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था. वर्तमान में, डायग्नोस्टिक्स उद्योग अत्यधिक असंगठित है लेकिन इसे काफी अधिक महत्व प्रदान किया जाता है. बढ़ते पीई निवेश, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, तकनीकी प्रगति और बेहतर गुणवत्ता पर विनियमों के साथ, आने वाले समय में हेल्थ केयर क्षेत्र और विशेष रूप से डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में ग्रोथ की काफी उम्मीद है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
09:29 PM IST