कम कीमत पर मिलेंगे रसोई गैस सिलेंडर, सरकार ने तैयार किया यह प्लान
डीबीटी के नए सॉफ्टेवयर में गैस बुक होने पर उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा. घर में गैस सिलेंडर की डिलीवरी होने पर उपभोक्ता को वह कोड दिखाना होगा.
रसोई गैस की लगातार बढ़ती कीमतों से आम आदमी की रसोई की बजट लगातार बिगड़ रहा है. हालांकि सरकार द्वारा गैस सिलेंडर पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन शुरू में तो उपभोक्ता को सिलेंडर की पूरी कीमत अदा करनी होती है, बाद में सब्सिडी की राशि उसके खाते में जमा होती है. कई बार ऐसा देखने में आया है कि लोगों के पास गैस सिलेंडर की पूरी कीतम अदा करने के पैसे नहीं होते हैं. जैसे अभी हाल में दिल्ली में गैस सिलेंडर के 942.50 रुपये का भुगतान करना पड़ा था.
ऐसे में बहुत से लोगों को सिलेंडर की इस राशि को भुगतान करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा था. सरकार ने उपभोक्ताओं की इस परेशानी को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार का कहना है कि अब उपभोक्ताओं को सब्सिडी काटकर शेष दर पर गैस सिलेंडर मिलेगा. सरकार ने फैसला किया है कि उपभोक्ताओं के खाते में जा रही सब्सिडी की राशि अब सीधे पेट्रोलियम कंपनी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी. इसके लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सिस्टम में बदलाव करना होगा.
नए सॉफ्टवेयर से होगा सिस्टम में बदलाव
जानकारी के मुताबिक, इस नए सिस्टम के लिए सरकार गैस सब्सिडी के लिए एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करवा रही है. हिन्दुस्तान अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक, डीबीटी के नए सॉफ्टेवयर में गैस बुक होने पर उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा. घर में गैस सिलेंडर की डिलीवरी होने पर उपभोक्ता को वह कोड दिखाना होगा. गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने वाला व्यक्ति उस कोड को डीबीटी के सॉफ्टवेयर में अपडेट कर देगा. इस तरह सरकार द्वारा उपभोक्ता को दी जा रही सब्सिडी की राशि सीधे पेट्रोलियम कंपनी के खाते में चली जाएगी. और उपभोक्ता को सिलेंडर के केवल सब्सिडी के दाम ही चुकाने होंगे.
आम आदमी को मिलेगी राहत
इस नए सिस्टम के लागू होने से आम उपभोक्ता की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा. जैसे इस समय दिल्ली में गैस सिलेंडर 942.50 रुपये में मिल रहा है और फिर सरकार इसकी सब्सिडी की राशि 435.08 रुपये को उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है. लेकिन नए सिस्टम से उपभोक्ता को केवल 507.42 रुपये का ही भुगतान करना होगा. सरकार का दावा है कि इस नए सिस्टम से गैस एजेंसियां और उपभोक्ताओं की मिलीभगत पर भी लगाम लगेगी.