देश के स्मार्टफोन यूजर्स औसतन 1 जीबी डेटा रोजाना खपत करते हैं, जबकि कुछ समय पहले तक ही यह औसत 4 जीबी प्रतिमाह का था. वहीं एंट्री लेवल, मिड और प्रीमियम लेवल खंडों के यूजर्स की दैनिक ऑनलाइन गतिविधियां 90 मिनट से ज्यादा की होती हैं. नीलसन इंडिया रिपोर्ट में गुरुवार को यह जानकारी दी गई. 

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सस्ते हैंडसेट से स्मार्टफोन की मांग बढ़ी

नीलसन स्मार्टफोन 2018' रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया में भारत में स्मार्टफोन का बाजार सबसे तेजी से उभर रहा है, क्योंकि यहां किफायती हैंडसेट और किफायती डेटा की पैठ बढ़ी है. सभी खंडों के स्मार्टफोन की मांग यहां बढ़ी है. आईपीजी-नीलसन इंडिया के निदेशक (प्रौद्योगिकी) अभिजित माटकर ने कहा, "हाई स्पीड 4जी इंटरनेट का उदय, बजट मोबाइल हैंडसेट, कॉल, डेटा की कीमतों में सुधार से भारत में स्मार्टफोन रखनेवालों की संख्या तेजी से बढ़ी है."

यूटोरेंट बीटा ऐप सबसे ज्यादा डेटा खपत में आगे

यहां के मास मार्केट की मांग को पूरा करने के लिए नए चीनी और भारतीय हैंडसेट निर्माताओं ने 5,000 रुपये से भी कम की कीमत में किफायती हैंडसेट पेश किए हैं. बात जब ऐप के प्रयोग की आती है, तो भारत में चैट और वीओआईपी ऐप्स का सभी ग्राहक खंडों में बोलबाला है, जिसके बाद ब्राउसर ऐप आते हैं. निष्कर्षों में कहा गया कि सभी खंडों में यूटोरेंट बीटा ऐप सबसे ज्यादा डेटा की खपत करता है, उसके बाद यूट्यूब है. 

जेटा खपत में तीन गुना तेजी

साल 2014 में भारत में एक औसत इंटरनेट यूजर एक महीने में सिर्फ 70 एमबी डेटा यूज करता था. खपत में मोबाइल और ब्रॉडबैंड दोनों तरह के इंटरनेट यूजर्स शामिल हैं. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 3 साल के दौरान भारत में इंटरनेट डेटा की खपत 23 गुना बढ़ चुकी है.

डिजिटल ट्रांजेक्‍शन भी तेज बढ़ा

देश में इस समय इंटरनेट आधारित डिजिटल ट्रांजेक्‍शन भी पहले से बहुत ज्‍यादा बढ़ गए हैं. जहां साल 2015 में करीब 61 करोड़ रुपयों का लेन-देन ऑनलाइन किया गया था, वहीं 2017 में यहां आंकड़ा बढ़कर 153 करोड़ पहुंच गया. सरकार के मुताबिक शहरों के साथ साथ गांवों में भी बढ़ती इंटरनेट स‍र्विसेज के चलते आने वाले सालों में इंटरनेट यूसेज और डिजिटल ट्रांजेक्‍शन लगातार बढ़ते ही रहेंगे.