देश का इकलौता Tax Free राज्य, यहां लोग करोड़ों कमाएं तो भी आयकर विभाग इनसे नहीं वसूल सकता 1 भी रुपया
Income Tax Rule: भारत में जिन लोगों की आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है, उनके लिए इनकम टैक्स भरना जरूरी है. लेकिन देश में एक राज्य ऐसा भी है जहां लोग करोड़ों रुपए भी कमा लें तो भी सरकार उनसे 1 रुपए भी टैक्स के तौर पर नहीं ले सकती.
Income Tax Free State in India: देश में ITR फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई है. जिन लोगों की आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है, उनके लिए इनकम टैक्स भरना जरूरी है. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 देश में टैक्स फाइलिंग को अनिवार्य बनाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक राज्य ऐसा भी है जिन्हें अपनी आय पर किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना होता. इस राज्य के लोग अगर सालाना करोड़ों रुपए भी कमा लें तो भी इनकम टैक्स के तौर पर आयकर विभाग इनसे 1 रुपया भी नहीं वसूल सकता. जानिए क्या है वजह.
ये है देश का टैक्स फ्री राज्य
भारत में केवल एक ही राज्य है जिसे Tax Free State के तौर पर जाना जाता है. इस राज्य का नाम है सिक्किम (Sikkim). इस राज्य में रहने वाले लोगों को अपनी कमाई पर एक भी रुपए का इनकम टैक्स नहीं देना होता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 372 (F) के मुताबिक, सिक्किम के लोगों को टैक्सेशन के दायरे से बाहर रखा गया है.
आखिर इस राज्य को इतनी बड़ी राहत क्यों?
इनकम टैक्स के मामले में सिक्किम के लोगों को इतनी बड़ी राहत क्यों दी गई है? जाहिर सी बात है कि ये सवाल जरूर आपके मन में होगा. तो आपको बता दें कि 1975 में सिक्किम का भारत में विलय हुआ था, लेकिन सिक्किम इस शर्त पर भारत में शामिल हुआ था कि वो अपने पुराने कानून और स्पेशल स्टेटस को बरकरार रखेगा, इस शर्त को मान लिया गया. यहां के मूल निवासियों को तो आयकर अधिनियम की धारा, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत इनकम टैक्स से छूट हासिल है. बता दें कि सिक्किम को संविधान के आर्टिकल 371-एफ के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ है.
क्या कहता है Section 10 (26AAA)?
Section 10 (26AAA) के तहत नियम है कि सिक्किम के किसी भी निवासी की आय टैक्स दायरे से बाहर रहेगी, चाहे वो किसी भी तरह के सिक्योरिटी से मिले इंटरेस्ट से आई हो या डिविडेंड से. इसमें कहा गया है कि सिक्किम के भारत में विलय से पहले जो भी लोग वहां बस गए थे, चाहे उनका नाम Sikkim Subjects Regulations, 1961 के रजिस्टर में हो या नहीं, उन्हें इनकम टैक्स एक्ट के Section 10(26AAA) के तहत छूट मिलती है.