अब स्कूल और हॉस्टल का खर्च उठाएगी सरकार, इन छात्रों को मिलेगा लाभ, जानें कैसे होगा सेलेक्शन
अब मेधावी छात्रों को पैसे की कमी से बीच में ही पढ़ाई छोड़ने की जरूरत नहीं होगी. केन्द्र सरकार एक ऐसी योजना लेकर आयी है जिसके जरिए छात्रों को अपनी पढ़ाई को बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी.
SHRESHTA Scheme: अब मेधावी छात्रों को पैसे की कमी से पढ़ाई छोड़ने की जरूरत नहीं होगी. केन्द्र सरकार एक ऐसी योजना लेकर आयी है जिसके जरिए छात्रों को अपनी पढ़ाई को बीच में नहीं छोड़ना पड़ेगी. इस योजना के जरिए छात्रों के पढ़ाई और हॉस्टल का खर्च सरकार उठाएगी. तो चलिए जानते हैं क्या है ये योजना.
इस लिंक से डायरेक्ट कर सकते हैं आवेदन-https://shreshta.nta.nic.in/
अब पैसे की वजह से नहीं रुकेगी पढाई
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा श्रेष्ठ (SHRESTHA) नाम की योजना की शुरुआत की गई है. इसका पूरा नाम Scheme for
Residential Education for Students in High schools in Target Areas है. यह एक आवासीय शिक्षा योजना है, जिसका मकसद अनुसूचित जाति के गरीब छात्रों को शिक्षित करना है. मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट ने अनुसूचित जाति (SC) के स्टूडेंट्स के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए श्रेष्ठ (SHRESTHA) स्कीम लॉन्च की है.
जानें किसको मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ वैसे छात्रों को मिलेगा जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख तक हो. योजना के तहत ऐसे बच्चों को क्लास 9वीं से लेकर 12वीं तक के पढ़ाई और हॉस्टल का खर्च सरकार उठाएगी. ऐसे 3000 तक छात्रों का सरकार सालाना खर्च उठाएगी. जिसका मतलब है कि अगर इस योजना के लिए किसी छात्र का सिलेक्शन होता है तो उसकी पढ़ाई और होस्टल का कोई भी खर्च उसके माता-पिता को नहीं उठाना होगा.
कैसे होगा सेलेक्शन
इसमें छात्रों का सिलेक्शन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (NETS) के जरिए किया जाएगा. अगर किसी स्टूडेंट्स का इस योजना के लिए सिलेक्शन होता है तो 9वीं और 11वीं में CBSE से संबंधित सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश मिलेगा. आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए इन छात्रों को मैट्रिक छात्रवृति योजना से जोड़ा जा सकता है. इस योजना में राज्य के स्कूल, ग्रामीण क्षेत्रों या क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों के छात्रों हेतु एक ब्रिज कोर्स का प्रावधान भी किया गया है. इसके लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निजी आवासीय स्कूलों का सिलेक्शन कुछ मानकों के आधार पर किया जाएगा.