Service Charge: रेस्टॉरेंट और होटलों में जारी रहेगी सर्विस चार्ज की वसूली, 6 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
Service Charge in Restaurants and Hotels: होटल और रेस्टॉरेंट में खाना खाने वाले लोगों को आज भी कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. दिल्ली हाई कोर्ट में आज राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की याचिका पर होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है.
Service Charge in Restaurants and Hotels: होटल और रेस्टॉरेंट में खाना खाने वाले लोगों को आज भी कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. दिल्ली हाई कोर्ट में आज राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की याचिका पर होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी. इसका सीधा मतलब ये हुआ कि होटलों और रेस्टोरेंट में उपभोक्ताओं से खाने-पीने के लिए सर्विस चार्ज की वसूली जारी रहेगी. बताते चलें कि पिछली सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक संबंधी सिंगल जज के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
होटल और रेस्टॉरेंट द्वारा वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज को सरकारी टैक्स समझता है आम आदमी
इस पूरे मामले में 16 अगस्त को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि एक आम आदमी होटल और रेस्टॉरेंट द्वारा वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज को सरकार द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स ही समझता है. कोर्ट ने कहा था कि रेस्टॉरेंट और होटलों को अगर ग्राहकों से ज्यादा पैसे ही वसूलने हैं तो वे अपने खाने-पीने की चीजों के दाम ही बढ़ा दें. ऐसा करने से उन्हें सर्विस चार्ज वसूलने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने सर्विस चार्ज को लेकर जुलाई में जारी की थी गाइडलाइन
बताते चलें कि होटलों और रेस्टॉरेंट द्वारा ग्राहकों से वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने जुलाई में एक गाइलाइन जारी की थी. राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की नई गाइडलाइन के अनुसार होटल या रेस्टॉरेंट में खाने-पीने की मूल कीमत के अलावा ग्राहकों से किसी भी तरह का सर्विस चार्ज वसूलना जायज नहीं है. गाइडलाइन में कहा गया था कि ग्राहक सिर्फ अपनी मर्जी से होटल या रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज दे सकते हैं. ग्राहकों की मर्जी के बिना कोई भी रेस्टॉरेंट या होटल सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं.