संजय मल्होत्रा ने संभाला नए रेवेन्यू सेक्रेटरी का कार्यभार, तरुण बजाज की ली जगह, Budget 2023 की है बड़ी चुनौती
राजस्थान काडर के IAS अधिकारी और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के पूर्व सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने रेवेन्यू सेक्रेटरी का कार्यभार संभाला है. उन्होंने तरुण बजाज की जगह ली है.
डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के पूर्व सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने रेवेन्यू सेक्रेटरी के रूप में कार्यभार संभाला. उन्होंने तरुण बजाज की जगह ली है. उन्होंने रेवेन्यू डिपार्टमेंट को ऐसे वक्त में संभाला है जब बजट 2023 की तैयारी जोश के साथ चल रही है. संजय मल्होत्रा 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो राजस्थान काडर के हैं. इन्होंने IIT कानपुर से बीटेक किया है, जिसके बाद प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री हासिल की. सरकार ने अक्टूबर में 16 मंत्रालय और डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी में बदलाव का ऐलान किया था.
राजकोषीय हालत कैसी है?
सरकार की राजकोषीय हालत की बात करें तो बुधवार को दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए. चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 के बीच अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर 7.58 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया. यह बजट 2022 के टारगेट का 45.6 फीसदी है. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रेवेन्यू डेफिसिट का लक्ष्य 16.61 लाख करोड़ या जीडीपी का 6.4 फीसदी रखा है.
CAG की रिपोर्ट क्या कहती है?
CAG के आंकड़ों के मुताबिक 11.71 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध टैक्स रेवेन्यू 2022-23 के बजट अनुमान का 60.5 फीसदी है. वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि के दौरान यह उस वर्ष के बजट अनुमान का 68.1 फीसदी था. अप्रैल-अक्टूबर के दौरान केंद्र सरकार का टोटल एक्सपेंडिचर 2022-23 के बजट अनुमान का 54.3 फीसदी है जो एक साल पहले समान अवधि में 52.4 फीसदी था. ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल-अक्टूबर 2022-23 में भारत सरकार का नेट टैक्स रेवेन्यू 11 फीसदी की दर से बढ़ा. नॉन-टैक्स रेवेन्यू में 14 फीसदी की कमी आई, जबकि रेवेन्यू एक्सपेंडिचर 10 फीसदी बढ़ा. इस दौरान कैपिटल एक्सपेंडिचर 62 फीसदी बढ़ा.
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