केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को सेंट्रल बैंकिंग, लंदन की ओर से गवर्नर ऑफ द ईयर- 2023 के अवॉर्ड से नवाजा गया है. सेंट्रल बैंकिंग ने आरबीआई गवर्नर के लिए इस अवॉर्ड की घोषणा मार्च, 2023 में की थी. इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिसर्च जर्नल Central Banking ने 2018 से भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर पद संभाल रहे दास को यह सम्मान दिया है. ये सम्मान पाने वाले वो दूसरे आरबीआई गवर्नर हैं, इसके पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को 2015 में पहली बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

क्यों मिला ये अवॉर्ड?

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सेंट्रल बैंकिंग ने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्थिर नेतृत्व देने के लिए दास की तारीफ की थी. शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल में कई बड़ी चुनौतियां देखी हैं, जिनमें कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध शामिल हैं. उन्‍हें अपने कार्यकाल में महामारी की शुरुआत से यूक्रेन युद्ध और इंफ्लेशन के कई संकटों का वित्‍तीय बाजार के माध्‍यम सै कुशल संचालन करने के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया है.

शक्तिकांत दास के बारे में कुछ खास बातें

वर्ष 2020 में ‘सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर, एशिया पैसिफिक अवार्ड प्राप्त कर चुके शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को हुआ. उनकी स्कूली शिक्षा ओडिशा के भुवनेश्वर में डेमोंस्ट्रेशन मल्टीपरपज स्कूल से हुई. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में बीए और एमए की डिग्री हासिल की. शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अगली उपलब्धि 2021 में हासिल की, जब उन्हें उत्कल विश्वविद्यालय द्वारा डी'लिट की उपाधि प्रदान की गई.

गवर्नर बनने से पहले निभा चुके हैं कई रोल

शक्तिकांत दास तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और अपने करियर के दौरान तमिलनाडु और केन्द्र सरकार में कई महत्वपूर्ण आर्थिक विशेषज्ञता से जुड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. इसमें आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, फर्टिलाइजर्स सचिव के अलावा वह विश्व बैंक, एडीबी, एनडीबी और एआईआईबी में भारत के अल्टरनेट गवर्नर की भूमिका निभा चुके हैं. उन्होंने विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय मंचों अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), जी20, ब्रिक्स, सार्क में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है. 

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