राजस्थान में सोमवार, 3 जून से किसानों को ऋण बांटने की प्रक्रिया शुरु होगी. इसके लिए किसानों को सहकारी समितियां या फिर नजदीक ई-मित्र पर आवेदन करना होगा. प्रदेश के 25 लाख से अधिक किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण किया जाएगा. इस योजना का वे किसान ही लाभ ले सकेंगे जो सहकारी समिति के सदस्य हैं. इस बार 10 हजार करोड़ रुपये खरीफ सीजन में और 6 हजार करोड़ रुपये रबी सीजन में ऋण वितरित किया जाएगा. आवेदन से पहले किसानों को कुछ जरूर दस्तावेज जरूर जमा करने होंगे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कर्ज के लिए रजिस्ट्रेशन के लिये किसान का आधार नंबर, जिस सहकारी बैंक में किसान का बचत खाता है उसका खाता संख्या, बैंक शाखा का आईएफएससी नंबर की आवश्‍यकता होगी. इसके अलावा आवेदन पत्र में किसान के नाम पर जमाबन्दी के आधार पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज भूमि का विवरण, रबी और खरीफ सीजन में बोई जाने वाली फसल के विवरण के साथ-साथ समिति और अन्य बैंक, संस्थाओं से लिए गए या स्वीकृत हुए ऋण की जानकारी दर्ज कराई जाएगी.

अधिकतम साख सीमा के अन्तर्गत फसली ऋण का वितरण किए जाने से पहले आवश्‍यक प्रपत्रों का दस्तावेज देने होंगे. इसके लिए किसान वचन पत्र, ऋण पत्र और प्रतिभूति पत्र समिति में जमा करवाने होंगे. किसानों के हितों को सुरक्षित करने और समिति में वित्तीय पारदर्शिता स्थापित करने के लिये किसान द्वारा संबंधित बैंक शाखा में या समिति में एफआईजी के माध्यम से अपनी ऋण राशि जमा कराने पर 25 रुपये की रसीद दी जाएगी.

राजस्थान में सबसे ज्याद बाड़मेर में 1000 करोड़ रुपये का ऋण बांटा जाएगा. जयपुर में 950 करोड़ रुपये, पाली में 860 करोड़ रुपये, चित्तोड़गढ़ और प्रतापगढ़ में 800 करोड़, सीकर और श्रीगंगानगर में 800-800 करोड़ रुपये, जोधपुर और हनुमानगढ़ में 760-760 करोड़ रुपये, भीलवाड़ा में 740 करोड़ रुपये, जालोर में 700 करोड़ रुपये, झालावाड़ में 660 करोड़ रुपये, नागौर में 640 करोड़ रुपये, कोटा में 600 करोड़ रुपये, अलवर और झुन्झुनूं में 550-550 करोड़ रुपये, सवाईमाधोपुर और करौली में 470 करोड़ रुपये, अजमेर में 450 करोड़ रुपये, भरतपुर और धौलपुर में 450 करोड़ रुपये, उदयपुर और राजसमंद में 420 करोड़ रूपए के फसली ऋण वितरित किया जाएगा. 

इस बार 10 लाख नए किसानों को सरकार की तरफ से ऋण वितरित किया जाएगा. ऐसे किसानों को भी चिंहित कर लिया गया है जिन्हें सालों से प्रशासनिक उदासीनता के चलते ऋण नहीं मिल पाया. ऐसे किसानों को ऋण उपलब्ध करवाना सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी.  

(जयपुर से आशीष चौहान की रिपोर्ट)