राज्य में सहकारी बैंकों के पात्र किसानों को उनके फसली कर्ज माफ होने के प्रमाण पत्र इसी सप्ताह, सात फरवरी से दिए जाएंगे. राज्य सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर आठ फरवरी से जेल भरो आंदोलन करने वाली थी.

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मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी संभागीय आयुक्तों व जिला कलेक्टरों के साथ बैठक की और कर्ज माफी प्रमाण-पत्र वितरण शिविरों के संबंध में दिशा निर्देश दिए. सभी जिलों में ऋणमाफी प्रमाण-पत्र वितरण शिविर सात फरवरी से ग्राम सेवा सहकारी समितियों में होंगे. इनमें सहकारी बैंकों से जुड़े पात्र किसानों को ऋणमाफी प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि प्राथमिकता देते हुये इन शिविरों का आयोजन सफल बनाया जाए.

7 फरवरी से लगेंगे शिविर

डीबी गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाया है और उसमें पहला बिन्दु किसान कल्याण से संबंधित है. यह सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसी बात को ध्यान में रखकर ऋणमाफी शिविरों की सफलता सुनिश्चित करें. सभी जिला कलक्टरों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ऋणमाफी प्रक्रिया से जुड़ा कोई भी अधिकारी उनकी अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़े.

बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों का फसली कर्ज माफ करने की घोषणा की थी. इसके बाद अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के दो दिन में ही इसे लागू करने की घोषणा कर दी. इसके औपचारिकताएं तय करने के लिए बनाई गयी समिति ने अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री को सौंपी थी.

उधर, बीजेपी किसान कर्जमाफी को लगातार मुद्दा बनाए हुए है. विधानसभा के पहले सत्र में भी उसने इसे लेकर हंगामा किया. आठ फरवरी से वह जेल भरो आंदोलन शुरू करने वाली थी. इस बीच सरकार ने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र बांटने के शिविर आयोजित करने की घोषणा की है.