"बुच है तो सिंडिकेट सेफ है"- राहुल गांधी का SEBI चीफ पर फिर हमला- पढ़ें
राहुल ने आरोप लगाया कि SEBI के कुछ अधिकारियों ने अपना काम करने के बजाय बड़े उद्योगपतियों के हित साधे हैं. उन्होंने कहा है कि SEBI, जो आम जनता और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई थी, अब बड़े कॉरपोरेट्स के साथ सांठगांठ कर उनके फायदे के लिए काम कर रही है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी पार्टी बाजार नियामक SEBI की प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. एक बार फिर से राहुल गांधी का SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच पर बड़ा हमला आया है. उन्होंने कहा कि SEBI के शीर्ष नेतृत्व में बड़े कॉरपोरेट्स के साथ नजदीकी रिश्ते और वित्तीय लेन-देन ने नियामक संस्था को कमजोर कर दिया है.
राहुल ने आरोप लगाया कि SEBI के कुछ अधिकारियों ने अपना काम करने के बजाय बड़े उद्योगपतियों के हित साधे हैं. उन्होंने कहा है कि SEBI, जो आम जनता और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई थी, अब बड़े कॉरपोरेट्स के साथ सांठगांठ कर उनके फायदे के लिए काम कर रही है. राहुल गांधी ने इस मामले में कई अहम सवाल उठाए हैं और कुछ चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं.
राहुल गांधी का कहना है कि SEBI के शीर्ष अधिकारी, जिनमें माधबी पुरी बुच शामिल हैं, का बड़े कॉरपोरेट्स के साथ व्यक्तिगत और वित्तीय संबंध हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन रिश्तों की वजह से SEBI जैसे संस्थान, जो बाजार में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं, अब उद्योगपतियों के पक्ष में फैसले ले रहे हैं.
राहुल गांधी ने माधबी पुरी बुच पर कॉरपोरेट्स के साथ "रेंटल अरेंजमेंट्स" और "अंदरूनी सांठगांठ" का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि SEBI के शीर्ष अधिकारी, जिनमें माधबी पुरी बुच शामिल हैं, का बड़े कॉरपोरेट्स के साथ व्यक्तिगत और वित्तीय संबंध हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन रिश्तों की वजह से SEBI जैसे संस्थान, जो बाजार में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं, अब उद्योगपतियों के पक्ष में फैसले ले रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि SEBI जैसे संस्थानों का उपयोग आम जनता की बजाय अमीर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. राहुल ने यह भी कहा कि यह सिर्फ बाजार में एकाधिकार बनाने का मामला नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की रक्षा करने के लिए जरूरी है, और भारतीयों की आवाज को बचाने के लिए जरूरी है, जो उन्हें चुप कराने पर तुला हुआ है.