क्या प्राइवेट होने जा रहे हैं सरकारी बैंक? केंद्र सरकार की इसको लेकर क्या प्लानिंग है? लोकसभा में शेयर की गई पूरी डीटेल्स
Privatisation of Government Banks: क्या केंद्र सरकार बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर कोई तैयारी कर रही है? सरकार ने इस बारे में लोकसभा में जानकारी दी है.
Privatisation of Government Banks: सरकार ने सोमवार को बताया कि वह संबंधित विभाग और रेगुलेटर से परामर्श लेने के बाद सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन पर विचार करेगी. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Bhagwat Karad) ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत सरकार के (कारोबार का लेनदेन) नियम, 1961 के मुताबिक, स्टैटजिक सेल्स से जुड़े विनिवेश संबंधित मुद्दों पर विचार और चयन करना नियम और शर्तों आदि पर निर्णय का काम कैबिनेट समिति को सौंपा गया है. इसलिए इस तरह के फैसलों पर विचार करने से पहले संबंधित मंत्रालयों और विभागों के साथ, संबंधित रेगुलेटरों के साथ परामर्श किया जाता है.
दो बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का ऐलान
कराड ने बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की मंशा जताई थी, जिसे लेकर सरकार को स्टैटजिक डिसइन्वेस्टमेंट की पॉलिसी को मंजूरी मिल गई थी. सरकार की इस पॉलिसी का उद्देश्य प्राइवेट कैपिटल लाकर पब्लिक सेक्टर के उद्यमों का विकास करना था, जिससे आर्थिक विकास और नई नौकरियों में योगदान और सामाजिक क्षेत्रों को फाइनेंसिंग और सरकार के विकास के कार्यक्रम शामिल हैं.
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बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) किसी बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) या निजी क्षेत्र के बैंक (PVB) के रूप में क्लासिफाई करता है.
NPA पर क्या है बैंकों का हाल
कराड ने एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साल 2019 से लेकर 2022 (30.11.2022 तक) के दौरान 135 कंपनियों या फर्मों या व्यक्तियों के खिलाफ पैसा दोगुना/ बढ़ाने का लालच देकर लोगों को फंसाने के 102 मामले दर्ज किए हैं. जबकि एक और सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सरकारी बैंकों का Gross NPA 2018 में 8,95,601 करोड़ रुपये (14.58 प्रतिशत का सकल एनपीए अनुपात) तक पहुंच गया था. जिसकी मुख्य वजह RBI द्वारा की गई एसेट क्वालिटी रिव्यू थी. हालांकि सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधारों की रणनीति के चलते 31 मार्च, 2022 तक NPA गिरकर 5,40,958 करोड़ रुपये (7.28 प्रतिशत का सकल एनपीए अनुपात) हो गई है
उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के NPA में गिरावट एनपीए अकाउंट के अपग्रेडेशन, अकाउंट से वसूली और कम स्लिपेज के कारण हो सकती है. उन्होंने बताया कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों में, सरकारी बैंकों (PSB) ने एनपीए खातों से 4,80,111 करोड़ रुपये की कुल वसूली की है और 1,45,356 करोड़ रुपये के NPA का अपग्रेडेशन किया है.