PM Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ट्रेडिशनल श्रमिकों के लिए एक नई स्कीम को लॉन्च कर दिया है. पीएम मोदी ने आज पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' (PM Vishwakarma) योजना की शुरुआत कर दी. पीएम मोदी का पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर फोकस रहा है. 

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इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को सुदृढ़ बनाना और पोषित करना है. पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों.

 

15 हजार रुपये के टूलकिट

पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग से जुड़े स्किल अपग्रेडेशन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5%की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक कोलेटरल फ्री क्रेडिट सपोर्ट, डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए इन्सेंटिंव और मार्केटिंग सपोर्ट के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, स्किल ट्रेनिंग के साथ 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइपेंड मिलेंगे.

फ्री में होगा रजिस्ट्रेशन

पीएम विश्वकर्मा (PM Vishwakarma) को 13,000 करोड़ रुपये के आउटले के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से फंडिंग किया जाएगा. इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल (PM Vishwakarma portal) का इस्तेमाल करके कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से विश्वकर्माओं का फ्री रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.

किसे मिलेगा स्कीम का फायदा

यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी. योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है.

  • कारपेंटर
  • नाव बनाने वाले
  • अस्त्र बनाने वाले
  • लोहार
  • ताला बनाने वाले
  • हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
  • सुनार
  • कुम्हार
  • मूर्तिकार
  • मोची
  • राज मिस्त्री
  • डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
  • पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
  • नाई
  • मालाकार
  • धोभी
  • दर्जा
  • मछली का जाल बनाने वाले

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