पीएम नरेंद्र मोदी 300 मेगावाट की सौर परियोजना की रखेंगे आधारशिला, 1.3 लाख घरों को होगा फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास करेंगे. इसमें रिन्यूएबल एनर्जी की लगभग 5300 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण सौर परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को एनएलसी इंडिया की 300 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इस परियोजना में 1,756 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा.सौर परियोजना को आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप स्वदेशी उच्च दक्षता वाले बाइफेशियल मॉड्यूल के साथ नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक के साथ स्थापित किया जाएगा. इससे करीब 1.3 लाख घरों को फायदा मिलेगा. गौरतलब है कि एनएलसी इंडिया लिमिटेड वर्तमान में 250 मेगावाट बारसिंगसर तापीय बिजलीघर का संचालन करती है.
5300 करोड़ रुपए की परियोजना की रखेंगे आधारशिला और करेंगे राष्ट्र को समर्पित
पीएम मोदी रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में लगभग 5300 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण सौर परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान के बीकानेर जिले में बरसिंगसर थर्मल पावर स्टेशन के आसपास स्थापित होने वाली 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना एनएलसीआईएल बरसिंगसर सौर परियोजना की आधारशिला रखेंगे. ये CPSU योजना चरण-2 (भाग-3) के तहत एनएचपीसी लिमिटेड की 300 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे बीकानेर राजस्थान में विकसित किया जाएगा.
2100 करोड़ रुपए से अधिक बिजली ट्रांसमिशन क्षेत्र के प्रोजेक्ट को करेंगे राष्ट्र को समर्पित
कोयला मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी कल 300 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखेंगे.’ सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम योजना के तहत राजस्थान के बारसिंगसर में सौर ऊर्जा परियोजना लगा रही है. प्रधानमंत्री राजस्थान में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की विद्युत ट्रांसमिशन क्षेत्र की परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
प्रधानमंत्री बीकानेर, राजस्थान में विकसित 300 मेगावाट की एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड नोखरा सोलर पीवी परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. सौर परियोजनाएं हरित ऊर्जा उत्पन्न करेंगी, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को ऑफसेट करने में मदद करेंगी और क्षेत्र के आर्थिक विकास का नेतृत्व करेंगी.