प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण किया. दो चरण में बन रहे महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना में करीब 850 करोड़ रुपए खर्च होंगे. महाकाल मंदिर कॉरिडोर का पूरा एरिया करीब 900 मीटर का है. यह काशी विश्वनाथ मंदिर से करीब 4 गुना बड़ा है. प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को लगभग 40 देशों में लाइन प्रसारण किया गया. कार्यक्रम के दौरान करीब 60 हजार लोग मौजूद रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने श्री महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले महाकाल का दर्शन किया. साथ ही संध्या आरती में भी शामिल हुए.   

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बलुआ पत्थरों को राजस्थान से लाया गया 

नवनिर्मित 'महाकाल लोक' में भव्य प्रवेश द्वार, फव्वारों सहित शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा चित्रों की श्रृंखला बनाई गई है. इसमें मूर्तियों के रूप में भगवान शिव से जुड़ी अलग-अलग कहानियां को भी उकेरी गई है. साथ ही भगवान शिव, शक्ति और धार्मिक घटनाओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां भी लगाई गई हैं. कॉरिडोर की संरचनाओं को बनाने में बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया है. बलुआ पत्थर राजस्थान में बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से लाए गए हैं. इन पत्थरों को राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा के कलाकारों एवं शिल्पकारों ने तराशा है. 

 

कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था

कॉरिडोर के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है. बता दें कि महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. दो हेक्टेयर में बने मंदिर परिसर के लिए करीब 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे. निर्माण कार्य में खर्च होने वाले कुल खर्च में 422 करोड़ रुपए की रकम राज्य सरकार, 21 करोड़ रुपए मंदिर समिति और शेष रकम केंद्र सरकार खर्च करेगी.