एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री देश को समर्पित करेंगे पीएम मोदी, हर साल बनाएगी 30 हेलीकॉप्टर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (छह फरवरी) को एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर उत्पादन इकाई का उद्घाटन करेंगे। कर्नाटक के तुमकुरु में स्थित HAL की इस यूनिट में लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर बनेंगे।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर उत्पादन इकाई का आज (छह फरवरी) उद्घाटन करेंगे. कर्नाटक के तुमकुरु स्थित HAL की इस यूनिट में बनेंगे लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर बनेंगे. इस फैक्ट्री से 20 साल में तीन से चार टन वाले एक हजार से ज्यादा हेलीकॉप्टर्स के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. भविष्य में विस्तार के साथ यहां पर लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स और इंडियन मल्टीरोल हेलीकॉप्टर्स का निर्माण होगा. इस फैक्ट्री को अत्याधुनिक उद्योग 4.0 मानक उपकरणों और तकनीकों से लैस किया जा रहा है.
615 एकड़ में फैली है फैक्ट्री
पीएम नरेंद्र मोदी दोपहर लगभग 3:30 बजे तुमकुरु में एचएएल हेलीकॉप्टर कारखाने को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे. ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्ट्री 615 एकड़ भूमि में फैली हुई है. इसकी योजना देश की सभी हेलीकॉप्टर आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप समाधान बनने की दृष्टि से बनाई गई है. यह भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण का सुविधा केन्द्र है. शुरुआत में ये फैक्ट्री लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का निर्माण करेगी.
30 हेलीकॉप्टर का होगा निर्माण
एलयूएच स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित तीन टन वर्ग, एकल इंजन बहुउद्देश्यीय उपयोगिता हेलीकॉप्टर है. शुरुआत में,यह फैक्ट्री हर साल लगभग 30 हेलीकाप्टरों का निर्माण करेगी और इसे चरणबद्ध तरीके से 60 और फिर 90 प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. पहले एलयूएच का उड़ान परीक्षण किया जा चुका है और यह उद्घाटन के लिए तैयार है. लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और भारतीय मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) जैसे अन्य हेलीकॉप्टरों का निर्माण करने के लिए फैक्ट्री में वृद्धि की जाएगी.
मरम्मत के लिए किया जाएगा इस्तेमाल
फैक्ट्री का इस्तेमाल भविष्य में एलसीएच, एलयूएच, सिविल एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और आईएमआरएच के रखरखाव,मरम्मत और ओवरहाल के लिए भी किया जाएगा. सिविल एलयूएच के संभावित निर्यात की भी इस फैक्ट्री से पूर्ति की जाएगी. एचएएल की योजना 20 वर्षों की अवधि में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार के साथ 3-15 टन की सीमा में 1,000 से अधिक हेलीकाप्टरों का निर्माण करने की है. ये फैक्ट्री प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी.
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हेली-रनवे, फ्लाइट हैंगर, फाइनल असेंबली हैंगर, स्ट्रक्चर असेंबली हैंगर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और विभिन्न सहायक सेवा सुविधाओं जैसी सुविधाओं की स्थापना के साथ यह फैक्ट्री पूरी तरह से तैयार है.