PM Narendra Modi Speech in Loksabha: बुधवार को बजट सत्र के 7वें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में देश की ताकत और सरकार के कामों की जानकारी दी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आज एक मजबूत सरकार है, जो राष्ट्रहित में फैसले लेती है. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने देश के करोड़ों लोगों को फ्री कोरोना वैक्सीन दी. उन्होंने कहा कि आज हमारा देश के मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है.

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पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, '' इस बार मैं धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति जी का अभिनंदन भी करना चाहता हूं. गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक तो है ही, देश की कोटि-कोटि बेटियों के लिए यह बहुत बड़ा प्रेरणा का अवसर भी है. यहां चर्चा में हर किसी ने अपने अपने आकड़ें और तर्क दिए. अपनी रूचि, प्रवृति और प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखी और जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो यह भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता और इरादा है. देश इन सभी का मूल्यांकन करता है.''

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, '' कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे कि ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे. ऐसे लोगों के लिए कहा गया है, अच्छे ढंग से कहा गया है- ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं.''

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, '' राष्ट्रपति जी का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए, एक बड़े नेता महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखाई दी है और हमारे जनजातीय समाज के प्रति उनकी सोच क्या है लेकिन जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गईं तो भीतर पड़ा हुआ जो नफरत का भाव था, वो सच बाहर आ ही गया.''

पीएम मोदी ने कहा, '' जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था, तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है. यानी, राष्ट्रपति जी के भाषण के प्रति किसी को ऐतराज नहीं है. राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में कहा था, जो भारत अपनी अधिकांश समस्याओं के लिए दूसरों पर निर्भर था, वो आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है. राष्ट्रपति जी ने ये भी कहा था कि देश की एक बड़ी आबादी ने जिन सुविधाओं के लिए दशकों तक इंतजार किया वे इन सालों में उन्हें मिलीं. देश सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की समस्याओं से मुक्ति चाहता था, वो मुक्ति उसे अब मिल रही है.''

''सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोंक-झोंक होती रहती है, लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने खड़े हैं. गौरव के क्षण हम जी रहे हैं. 100 साल में आई हुई ये भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व, इस स्थिति में भी संकट के माहौल में देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास और गौरव से भर रहा है.''

''दुनिया के तमाम देशों व हमारे पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, ऐसे समय में कौन हिंदुस्तानी गौरव नहीं करेगा कि उनका देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. आज पूरे विश्व में भारत को लेकर positivity है. G20 समिट के दौरान जब मैं बाली में था, वहां सभी लोग डिजिटल इंडिया की तारीफ कर रहे थे. हमारे काम से वहां आए सभी लोग हैरान थे. ये देश के लिए गर्व की बात है, 140 करोड़ देशवासियों को गर्व हो रहा है लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है. वे लोग आत्म निरीक्षण करें.''

''आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, हर एक्सपर्ट, जो भविष्य का अच्छे से अनुमान भी लगा सकते हैं, उन सभी को आज भारत को लेकर बहुत आशा और काफी हद तक उमंग है. इसका कारण है कि भारत में अस्थिरता नहीं है. भारत में नई संभावनाएं हैं. भारत आज मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है. दुनिया भारत की इस समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है. एक समय देश छोटी-छोटी तकनीक के लिए तरसता था. आज देश टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं.''

''महामारी के दौर में हमने 150 से ज्यादा देशों को संकट के समय दवाई और वैक्सीन पहुंचाई. यही कारण है कि आज कई देश वैश्विक मंचों पर खुले मन से भारत को धन्यवाद देते हैं, भारत का गौरवगान करते हैं. कोरोनाकाल में बहुत से देश अपने नागरिकों की आर्थिक मदद करना चाहते थे, लेकिन असमर्थ थे. कोरोनाकाल ने पूरी दुनिया की Supply Chain को हिलाकर रख दिया. आज भारत उस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. कई लगों को यह बात समझने में काफी देर हो जाएगी.''

''पिछले 9 साल में भारत में 90 हजार स्टार्टअप्स आए हैं. हम इस मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. हमारा स्टार्टअप ईको-सिस्टम देश के टियर-टू, टियर थ्री शहरों में पहुंचा है. आज मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दूसरा बड़ा देश बन गया है. डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में आज हम विश्व में तीसरे नंबर पर हैं. आज भारत एनर्जी कंजम्पशन में दुनिया में तीसरे नंबर पर है. Renewable Energy Capacity में हम चौथे नंबर पर पहुंचे हैं. खेलों में हमारी कभी कोई पूछ नहीं थी, आज हर स्तर पर भारत के खिलाड़ी अपना सामर्थ्य दिखा रहे हैं.''

''2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटाला का दशक रहा. दस साल भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा. हर नागरिक असुरक्षित था. 10 साल में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक देश हिंसा का शिकार था. उन 10 सालों में भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी. UPA की पहचान यह थी कि इन्होंने हर मौके को मुसीबत में पलट दिया. तकनीक के समय ये 2G घोटाले में फंसे रहे और सिविल न्यूक्लियर डील के समय ये 'कैश फॉर वोट' में फंसे रहे. CWG के टाइम भी ये घोटालों में फंसे रहे. इन्होंने मौके को मुसीबत में पलट दिया.''

''इनके पास आतंकवाद पर सीना तान कर हमला करने का सामर्थ नहीं था और 10 साल तक मेरे देश के लोगों का खून बहता रहा. 2014 से पहले के दशक को Lost Decade के नाम से जाना जाएगा और 2030 का दशक अब India Decade के नाम से जाना जाएगा. देश में हर स्तर, हर क्षेत्र में, हर सोच में आशा ही आशा नजर आ रही है. सपने और संकल्प लेकर चलने वाला देश है. लेकिन कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हुए हैं कि क्या कहें....

काका हाथरसी ने कहा था-

आगा-पीछा देख कर, क्यों होते गमगीन

जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन...''

''इन जैसे लोगों के लिए कवि दुष्यंत कुमार ने बहुत अच्छी बात कही है-

तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, 

कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं...

बिना सिर-पैर की बातें करने के आदि होने के कारण इनको यह भी याद नहीं रहता कि पहले क्या कहा था.''

पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा, '' जो अहंकार में डूबे रहते हैं, उनको लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा. गलत आरोप लगा कर ही आगे बढ़ पाएंगे. मोदी पर देश का ये भरोसा अखबार की सुर्खियों और टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है. जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है. देश के लिए खपा दिया है, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए खपा दिया है. देशवासियों का जो मोदी पर भरोसा है वो इनकी समझ से बाहर है और इनकी समझ से ऊपर की बात है. इनकी गालियां और इनके आरोपों को उन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर के गुजरना पड़ेगा, जिनको दशकों तक मुसीबत में जिंदगी जीने के लिए इन्होंने मजबूर किया था.''

''कुछ लोग अपने लिए और अपने परिवार के लिए जी रहे हैं, लेकिन मोदी देश के एक-एक परिवार के लिए जी रहा है. 140 करोड़ देशवासियों के विश्वास का सुरक्षा कवच मेरे पास है और ये अपने झूठ से इस कवच को भेद नहीं सकते हैं. आज हाइवे पर रिकॉर्ड निवेश हो रहा है, देश में वैश्विक स्तर के एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं. एक समय था, अंग्रेज जिस स्थिति में रेलवे को छोड़कर गए थे.. उसकी स्थिति जस की तस बनी हुी थी. लेकिन अब 'वंदे भारत' पहचान है. रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों का कायाकल्प हो रहा है. देश आधुनिकता की तरफ बढ़े, इसलिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दिया जा रहा है.''

''यहां कुछ लोगों को हार्वर्ड स्टडी का बड़ा क्रेज है. कोरोनाकाल में कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में स्टडी होगी. बीते सालों में हार्वर्ड में एक बहुत बढ़िया स्टडी हुई है, उसका टॉपिक है, ‘The Rise and Decline of India’s Congress Party’. मुझे विश्वास है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर सिर्फ हार्वर्ड में ही नहीं, विश्व के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया जाएगा. चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा देशवासियों का जज्बा सामर्थ्यवान है.''

''समय सिद्ध कर रहा है कि जो कभी सत्ता पक्ष में बैठते थे वो विपक्ष में बैठने के बाद भी फेल हुए हैं, लेकिन देश पास होता जा रहा है. जो हाल ही में जम्मू-कश्मीर घूम कर आए हैं वो भी अब देख सकते हैं कि कश्मीर में कितनी आन-बान-शान से घूमा जा सकता है. पिछली शताब्दी में मैं भी यात्रा लेकर कश्मीर गया था. मेरी यात्रा को लेकर आतंकियों ने कश्मीर में पोस्टर लगाए थे कि कौन है ऐसा जिसने मां का दूध पिया है और जो लाल चौक पर तिरंगा लहराएगा. मैंने उस साल 23 जनवरी को ऐलान किया था कि मैं 26 जनवरी को आऊंगा, बिना सुरक्षा और बुलेट प्रूफ जैकेट के आऊंगा और तिरंगा लहराऊंगा.''