PM Narendra Modi Man Ki Baat 100th Episode Highlights: पीएम नरेंद्र मोदी के रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 100 एपिसोड पूरे हो गए हैं. 100वें एपिसोड में पीएम मोदी ने बताया कि उन्हें हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों सन्देश  मिले हैं . पढ़ते हुए कई बार वह भावुक भी हो गए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात के सफर में उन्होंने बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ, स्वच्छ भारत आन्दोलन, खादी के प्रति प्रेम, प्रकृति की बात, आजादी का अमृत महोत्सव,अमृत सरोवर जैसे विषयों को भी उठाया. पीएम ने मन की बात में यूनेस्को की डीजी औद्रे ऑजुले से फोन पर बात की. जानिए पीएम मोदी के मन के बात कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें. 

PM Modi Man ki Baat 100th Episode: पीएम मोदी ने अपने मार्गदर्शक को किया याद

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मन की बात के 100वें एपिसोड में पीएम मोदी ने अपने मार्गदर्शक लक्ष्मणराव जी ईमानदार को याद किया. पीएम ने कहा, 'श्री लक्ष्मणराव जी ईनामदार. हम उनको वकील साहब कहा करते थे. वो हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए. सामने कोई भी हो, आपके साथ का हो, आपका विरोधी हो, हमें उसके अच्छे गुणों को जानने का, उनसे सीखने का, प्रयास करना चाहिए. उनकी इस बात ने मुझे हमेशा प्रेरणा दी है. ‘मन की बात’ दूसरों के गुणों से सीखने का बहुत बड़ा माध्यम बन गयी है. 

PM Modi Man Ki Baat 100th Episode: मन की बात की 10 बड़ी बातें 

  •  पीएम मोदी ने मन की बात में कहा, '2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन तो बहुत ही अलग है. काम का स्वरूप अलग, दायित्व अलग, स्थितियां-परिस्तिथियों के बंधन, सुरक्षा का तामझाम, समय की सीमा. शुरुआती दिनों में, कुछ अलग महसूस करता था, खाली-खाली सा महसूस करता था. '
  •  पीएम मोदी ने आगे कहा, 'पचासों साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क ही मुश्किल हो जायेगा. जो देशवासी मेरा सब कुछ है, मैं उनसे ही कट करके जी नहीं सकता था. ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया.'
  •  पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात को याद किया.  पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैंने, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की थी, तो इसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी.
  •  पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा कोई देशवासी 40-40 साल से निर्जन पहाड़ी और बंजर जमीन पर पेड़ लगा रहा है, कितने ही लोग 30-30 साल से जल-संरक्षण के लिए बावड़ियां और तालाब बना रहे हैं, उसकी साफ़-सफाई कर रहे हैं. कोई 25-30 साल से निर्धन बच्चों को पढ़ा रहा है, कोई गरीबों की इलाज में मदद कर रहा है. कितनी ही बार ‘मन की बात’ में इनका जिक्र करते हुए मैं भावुक हो गया हूं. 
  •   मन की बात के 100वें एपिसोड में ‘Selfie With Daughter’ कैंपेन शुरू करने वाले सुनील से बात की. उन्होंने बताया कि,  'हमारे प्रदेश हरियाणा से पानीपत की चौथी लड़ाई बेटियों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए शुरू की थी जिसे आपके नेतृत्व में पूरे देश ने जितने की कोशिश की है.' 
  • पीएम मोदी ने मन की बात के एपिसोड में जम्मू-कश्मीर की पेन्सिल स्लेट्स के बारे में बताते हुए मंजूर अहमद  जी का जिक्र किया था. पीएम ने मंजू अहमद को फोन किया. पीएम मोदी ने जब उनसे पूछा कि काम कैसे चल रहा है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'आपने हमारी बात, ‘मन की बात’ में कही सर तब से बहुत काम बढ़ गया सर और दूसरों को भी रोजगार यहां बहुत बढ़ा है इस काम में.'
  •  पीएम मोदी ने जब पूछा कि कितने लोगों को रोजगार मिला तो मंजूर अहमद ने कहा 200 लोगों को मिला है.' इसके अलावा किसानों को भी फायदा हुआ है. पहले किसान दो हजार पेड़ बेचते थे अब वह पांच हजार तक पहुंच गया. 
  •  पीएम मोदी ने इसके बाद मणिपुर की विजयशांति देवी को फोन किया. विजयशांति कमल के रेशों से ईको फ्रेंडली कपड़े बनाती हैं. फोन पर विजयशांति ने बताया कि उनकी टीम में 30 महिलाएं हैं. इस साल वह 100 महिलाओं को अपने साथ जोड़ना चाहती हैं. उन्हें अमेरिका में भी मार्केट मिल गया है. वहां के लोग भारी मात्रा में सामान खरीद रहे हैं.
  •  पीएम मोदी ने हीलिंग हिमालयाज अभियान चलाने वाले प्रदीप सांगवान को फोन किया. पीएम मोदी ने साल 2020 में एक मन की बात एपिसोड में जिक्र किया था. प्रदीप सांगवान ने कहा, '2020 से ऐसा मानिये कि जितना काम हम पांच साल में करते थे अब वो एक साल में हो जाता है. 
  • प्रदीप सांगवान ने आगे कहा कि, ' 2020 के बाद जब ‘मन की बात’ में जिक्र हुआ उसके बाद बहुत सारी चीजे बदल गई. मतलब पहले हम, साल में 6-7 क्लीनिंग ड्राइव कर पाते थे, 10 क्लीनिंग ड्राइव कर पाते थे. आज की तारीख में हम रोजाना पांच टन कचरा इक्कठा करते हैं.'  

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पीएम मोदी ने प्रोग्राम के आखिर में यूनेस्को की डायरेक्टर जनरल औद्रे  ऑजुले से फोन पर बात की. औद्रे ऑजुले ने शिक्षा और संस्कृति संरक्षण को लेकर भारत के प्रयासों के बारे में जानना चाहा. पीएम मोदी ने कहा कि ये दोनों ही विषय ‘मन की बात’ के पसंदीदा विषय रहे हैं.' आखिर में पीएम मोदी ने कहा, 'मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे उपनिषदों का एक मंत्र सदियों से हमारे मानस को प्रेरणा देता आया है. चरैवेति चरैवेति चरैवेति. चलते रहो-चलते रहो-चलते रहो.आज हम इसी चरैवेति चरैवेति की भावना के साथ ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड पूरा कर रहे हैं.