Bundelkhand Expressway Inauguration: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर दिया. उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास को समर्पित है. यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ गाड़ियों को रफ्तार देगी, बल्कि यह आसपास के आर्थिक विकास में भी बड़ी भूमिका निभाने वाला है.यह एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर लंबा है.

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14,850 करोड़ रुपये की लागत

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के नेतृत्व में करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत से 296 किलोमीटर फोर-लेन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का निर्माण किया गया है. प्रधानमंत्री ने ही 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) के निर्माण की आधारशिला रखी थी. यह एक्सप्रेसवे समय से 8 महीने पहले पूरा कर लिया गया है और इससे 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई है.

 

देश के कुल हाइवे में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 37.7 प्रतिशत हो गई

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के इस उद्घाटन के साथ ही देश में मौजूद एक्सप्रेसवे में से अकेले उत्तर प्रदेश में 37.7 प्रतिशत हाइवे की मौजूदगी दर्ज हो गई है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को भविष्य में 6 लेन में भी विस्तारित किया जा सकता है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली से चित्रकूट की दूरी 6 से साढे़ 6 घंटे की ही रह जाएगी. 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का दायरा

खबर के मुताबिक, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है. यह चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा सहित सात जिलों से होकर गुजरती है.

क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway Inauguration) आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा. पीएमओ ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है.

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