PM chairs CCS meeting: रूस-यूक्रेन संघर्ष पर पूरी दुनिया के साथ भारत भी नजर बनाए हुए है. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में उन्होंने वैश्विक परिद़ृश्‍य (Global scenario) और भारत की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की. इसमें प्रधानमंत्री को समुद्री, हवाई सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तैयारियों और ताजा हालात की जानकारी दी गई. उन्‍हें यूक्रेन से नागरिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा के बारे में भी बताया गया. उन्होंने यूक्रेन से नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने का भी निर्देश दिया.

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सीसीएस की अहम बैठक 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने इस बैठक में भाग लिया. रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ कई हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता की है. भारत ने छात्रों सहित फंसे हुए भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए ऑपरेशन गंगा भी शुरू किया गया.

20,000 से ज्यादा भारतीयों की वापसी

अब तक सरकार 20,000 से ज्यादा भारतीयों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों के जरिए वापस ला चुकी है. 11 मार्च को पूर्वोत्तर शहर सुमी में फंसे 600 से अधिक भारतीय छात्रों को यूक्रेनी प्राधिकरण द्वारा बनाए गए मानवीय गलियारे का इस्तेमाल करके दिल्ली लाया गया. ये भारतीय छात्र शुक्रवार को तीन उड़ानों से यहां पहुंचे, जिनमें ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय वायुसेना का एक सी-17 ग्लोब मास्टर भी शामिल है. 

सूमी से लाए गए 700 भारतीय 

यूक्रेन के उत्तर पूर्व भाग में और रूसी सीमा के करीब स्थित सूमी क्षेत्र, रूसी सेना की भारी गोलाबारी और बमबारी की चपेट में आ गया था. लगभग 700 भारतीय छात्र वहां फंस गए थे क्योंकि भारी बमबारी की वजह से उन्हें निकालना असंभव हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मार्च को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की. जिसके बाद दोनों सरकारों ने संघर्ष विराम की घोषणा. इसके बाद भारतीय नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाला जा सका.