PM Modi आज करेंगे वर्ल्ड फूड इंडिया के दूसरे संस्करण का उद्घाटन, दुनियाभर से आए मेहमान चखेंगे भारतीय व्यंजनों का स्वाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ल्ड फूड इंडिया (World Food India) के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम के तहत पीएम फूड स्ट्रीट का भी उद्घाटन करेंगे.
दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ल्ड फूड इंडिया (World Food India) के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम के तहत पीएम फूड स्ट्रीट का भी उद्घाटन करेंगे. 3 से 5 नवंबर के बीच हो रहे इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को मजबूत करने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों के लिए बीज पूंजी सहायता वितरित करेंगे. तीन दिन के इस कार्यक्रम का आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय कर रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य भारत को 'दुनिया की खाद्य टोकरी' के रूप में प्रदर्शित करना और 2023 को मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाना है.
पीएमओ ने कहा भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम से स्वयं सहायता समूहों को बेहतर पैकेजिंग और गुणवत्ता विनिर्माण के माध्यम से बाजार में बेहतर मूल्य हासिल करने में मदद मिलेगी. पीएमओ के मुताबिक, यह सरकारी निकायों, उद्योग पेशेवरों, किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों को चर्चा में शामिल होने, साझेदारी स्थापित करने और कृषि-खाद्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए एक नेटवर्किंग एवं व्यावसायिक मंच प्रदान करेगा.
निवेश और व्यापार में आसानी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सीईओ गोलमेज सम्मेलन भी होंगे तथा भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के नवाचार एवं ताकत को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न मंडप स्थापित किए जाएंगे. यह आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले 48 सत्रों की मेजबानी करेगा, जिसमें वित्तीय सशक्तीकरण, गुणवत्ता आश्वासन और मशीनरी एवं प्रौद्योगिकी में नवाचारों पर जोर दिया जाएगा..
इस आयोजन में प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ सहित 80 से अधिक देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. इसमें ग्राहकों और खरीदारों की एक बैठक भी होगी, जिसमें 80 से अधिक देशों के 1,200 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल होंगे. पीएमओ ने कहा कि इस आयोजन में नीदरलैंड भागीदार देश के रूप में काम करेगा, जबकि जापान इसका फोकस देश होगा.