PM Modi बजट के बाद 12 वेबिनार को करेंगे संबोधित, 23 फरवरी से इस तारीख तक का है कार्यक्रम, जानें पूरी बात
PM Modi post-budget webinars news: वेबिनार का मकसद बजट में की गई घोषणाओं को अमल में लाने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाने के लिए और कॉर्डिनेशन में तालमेल बिठाने के लिए आयोजित किया जा रहा है.
PM Modi post-budget webinars news: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) 23 फरवरी से बजट के बाद 12 वेबिनार (PM Modi post-budget webinars) को संबोधित करेंगे. यह वेबिनार 12 मार्च 2023 तक आयोजित किए जाएंगे. आम बजट 2023-24 में अनाउंस किए गए सप्तऋषि (प्राथमिकता में किए जाने वाले काम) को अमल में लाने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों/विभागों की तरफ से वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं.
वेबिनार का क्या है मकसद
वेबिनार का मकसद बजट में की गई घोषणाओं को अमल में लाने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ लाने के लिए और कॉर्डिनेशन में तालमेल बिठाने के लिए आयोजित किया जा रहा है.ये वेबिनार 2021 में जनभागीदारी की भावना से शुरू किए गए थे.यह बजट घोषणाओं के प्रभावी, त्वरित और निर्बाध कार्यान्वयन में सभी संबंधित हितधारकों की भागीदारी और स्वामित्व को प्रोत्साहित करते हैं.
कब किस विषय पर होगा वेबिनार
वेबिनार बजट में सुधार का एक हिस्सा
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में बजट की तारीख 1 फरवरी तय की गई, ताकि मॉनसून के आने से पहले मंत्रालयों और विभागों को फंड का सही इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके. पीएम मोदी ने बजट को लेकर कई सुधार भी किए हैं. बजट के बाद आयोजित किए जाने वाले ये वेबिनार बजट में सुधार का एक हिस्सा हैं. पीएम मोदी का इस वेबिनार के पीछे का मकसद सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, शिक्षा जगत, उद्योग और क्षेत्र के जानकारों को एक प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाने और अलग-अलग सेक्टर में अमल करने की स्ट्रैटेजी पर सहयोगात्मक रूप से काम करना है.
तालमेल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा
वेबिनार (PM Modi post-budget webinars) में अलग-अलग मंत्रियों और विभागों और सभी संबंधित हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) के तिमाही लक्ष्यों के साथ काम की प्लानिंग की तैयारी की कोशिशों के तालमेल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अलग-अलग विषयों के मुताबिक आयोजित किया जा रहा है. इनमें संबंधित केंद्रीय मंत्री, सरकारी विभागों के प्रमुख हितधारक, नियामक, शिक्षाविद, व्यापार और उद्योग संघ आदि शामिल होंगे.
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