PM Narendra Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'मन की बात' के जरिये देश के लोगों को संबोधित किया. मन की बात का यह 64वां संस्करण था. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई देश के आम लोग लड़ रहे हैं. आज पूरा देश एक साथ चल रहा है. ऐसा लग रहा है मानो एक महायज्ञ चल रहा है. हर कोई अपने सामर्थ्य से लड़ रहा है. हमारे किसान भाईयों को ही देख लें, वे पूरी मेहनत कर रहे हैं ताकि कोई भूखा ना सोए.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में कोरोना महामारी की चर्चा होगी तब भारत के लोगों की इस महामारी के खिलाफ लड़ाई की भी चर्चा होगी. पीएम ने कहा कि पूरे देश में, गली मोहल्लों में जगह-जगह पर, आज लोग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं. गरीबों के लिए खाने से लेकर, राशन की व्यवस्था हो, लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल इक्विपमेंट का देश में ही निर्माण हो- आज पूरा देश एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज' के तहत गरीबों के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रांसफर किए जा रहे हैं. वृद्धावस्था पेंशन जारी की गई हैं. गरीबों को तीन महीने के मुफ्त गैस सिलेंडर, राशन जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं.  इन सब कामों में सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर के लोग एक टीम की तरह दिन-रात काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूंगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. 

पीएम मोदी ने जनता से अपील की कि आप सरकार द्वारा एक प्लेटफॉर्म पर जो भी चाहें उसमें योगदान कर सकते हैं. पीएम ने कहा कि आप covidwarriors.gov.in पर जाकर अपना योगदान दे सकते हैं. अब तक इस प्लेटफार्म से सवा कोरोड़ लोग जुड़े.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाया गया है. इसे स्वास्थ्य कर्मी काफी संतुष्टि जता रहे हैं. इस मुश्किल समय में अपने परिवार को छोड़ कर लड़ाई लड़ रहे इन स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा  उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है.    

दुनिया भर में आयुर्वेद और योग के महत्व पर भी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. आयुष मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है. इसका देश के लोग पालन कर रहे होंगे. आप गर्म पानी, काढ़ा आदि पी कर अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि हमें अपनी ही शक्ति पर विश्वास नहीं होता है, भारत की युवा पीढ़ी को इस चुनौती को स्वीकार करना होगा. दुनिया जिस भाषा में समझती है उस भाषा में हमें अपनी शक्तियों को लोगों को बताना होगा. आयुर्वेद और योग को पूरी दुनिया अपना रही है. 

पीएम मोदी ने कहा कि आज अक्षय तृतीया है. जिसे समाप्त या नष्ट नहीं किया जा सकता है वह अक्षय है. ये दिन हमें याद दिलाता है कि हम चाहे कितनी भी रुकावट और बीमारियों का सामना करें, उनसे लड़ने की हमारी भावना अक्षय है.

पीएम मोदी ने अपील की कि जब दुनिया इतने बड़े संकट का सामना कर रही है, तो इस बार रमजान को धैर्य, सद्भाव, संवेदनशीलता और सेवा का प्रतीक बनाने का एक अवसर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण लोग सादगी से अपने घर में त्योहार मना रहे हैं. 

पीएम मोदी ने कहा कि हमने विश्व के हर जरूरतमंद देशों तक दवाइयों को पहुंचाने का बीड़ा उठाया और मानवता के इस काम को करके दिखाया. आज जब मेरी अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात होती है तो वो भारत की जनता का आभार जरूर व्यक्त करते हैं.  जब वे लोग कहते हैं- थैंक यू इंडिया, थैंक यू पीपल ऑफ इंडिया तो देश के लिए गर्व और बढ़ जाता है. 

पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 ने हमारी कार्य शैली, जीवन शैली और आदतों में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं.  आप देखेंगे की आने वाले दिनों में मास्क सभ्य समाज का प्रतीक बन जाएगा. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक और जागरूकता जो आई है वह है सार्वजनिक रूप से थूकने का नुकसान,  अब समय आ गया है कि इस बुरी आदत को हमेशा के लिए मिटा दिया जाए.  उन्होंने कहा कि अब लोगों को भी समझ आ गया है कि सार्वजनिक रूप से थूकने के कितने नुकसान हैं.  

याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है- ‘अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम्, व्याधि: शेषम् तथैवच. पुनः पुनः प्रवर्धेत, तस्मात् शेषम् न कारयेत.  हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी, मौका पाते ही दोबारा बढ़कर खतरनाक हो जाती हैं.  ऐसे में लोग ये न समझें की हमाने इलाके में अब तक कोरोना नहीं आया तो नहीं आएगा.  उन्होंने कहा दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले मन की बात तक दुनिया भर में कोरोना वायरस से राहत मिलेगी.  कई देशों से कोरोना के मामले खत्म होने की खबरें आएंगी. 

हर आखिरी रविवार को होती है मन की बात 

बता दें कि 'मन की बात' कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है. दरअसल, कोरोना वायरस के कहर के बीच देश में लॉकडाउन जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के पहले चरण के लॉकडाउन का ऐलान किया था जो 14 अप्रैल को खत्म हो गया. उसके बाद फिर पीएम मोदी ने 14 मार्च को लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा की, जिसकी मियाद 3 मई को खत्म होगी. 

मन की बात के 63वें संस्करण में क्या बोले थे मोदी

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने और लॉकडाउन से उपजे हालातों के बीच 63वें मन की बात संस्करण में पीएम मोदी ने सबसे पहले लॉकडाउन की वजह से लोगों को हो रही परेशानियों के लिए माफी मांगी और कहा कि यह देश और देशवासियों को बचाने के लिए जरूरी था.  पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है और हमें इस जंग तो जीतना ही होगा.  उन्होंने कहा कि अभी जो हालात हैं, उसमें आप सभी को सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाने और इमोशनल डिस्टेंसिंग घटाने की जरूरत है.  उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग में योगदान देने वाले फ्रंट लाइन सोल्जर्स का भी धन्यवाद दिया.