PM Modi addresses webinar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन का हब बन सकता है. वहीं उन्होंने जोर दिया कि देश में सस्टेनेबल एनर्जी सोर्सेज से ही ग्रोथ होगी. पीएम मोदी शुक्रवार (04 मार्च, 2022) को सतत विकास के लिए ऊर्जा (Energy for Sustainable Growth) पर वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनर्जी फोर सस्टेनेबल ग्रोथ हमारी पुरातन परंपराओं से भी प्रेरित है. इससे भविष्य की जरूरतें भी पूरी होंगी. 

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लंबे समय तक चलने वाली एनर्जी

उन्होंने कहा कि ग्लासगो में हमें 2070 तक नेट जीरो के स्तर तक पहुंचने का वादा किया है. COP26 में सस्टेनेबल लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने के लिए भी लाइफ मिशन की बात कही थी. यानी लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरमेंट का विजन सामने रखा था. हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे ग्लोबल कोलेबोरेशन को नेतृत्व भी दे रहे हैं. नॉन फॉसिल एनर्जी कैपेसिटी में हमारा टारगेट 500 गीगावॉट है.    

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2030 तक हमें इंस्टॉन एनर्जी कैपेसिटी का 50 प्रतिशत नॉन फॉसिल एनर्जी से हासिल करना है. पीएम ने कहा कि भारत ने अपने लिए जो भी टारगेट सेट किए हैं, उसे एक चैंलेज की तरह नहीं, बल्कि एक अवसर की तरह देखते हैं. वहीं इस बजट में इनको पॉलिसी लेवल पर और आगे बढ़ाया गया है.

सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग के लिए पहल

बजट में सोलर एनर्जी की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं. हाई एफिसिएंशी सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग के लिए करीब 19 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. इसे सोलर मॉड्यूल्स और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग और R&D में मदद मिलेगी.

काफी मात्रा में अवेलबल है रिन्यूएबल एनर्जी पावर

हमने "नेशनल हाइड्रोजन मिशन" की भी घोषणा की है. भारत के पास काफी मात्रा में रिन्यूएबल एनर्जी पावर के रूप में एक इन हेरिटेज एडवांटेज है. इससे भारत विश्व में ग्रीन हाइड्रोजन का हब बन सकता है. हाइड्रोजन इकोसिस्टम फर्टिलाइजर, रिफाइनरी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर से इंटरकनेक्टेड है. एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें प्राइवेट सेक्टर द्वारा इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. जिससे भारत की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके.

एनर्जी स्टोरेज को लेकर चैलेंज

पीएम मोदी ने कहा कि, रिन्यूएबल एनर्जी के साथ एक बड़ा चैलेंज एनर्जी स्टोरेज को लेकर भी है. इसके लिए भी सॉल्यूशन तलाशने के लिए बजट में स्टोरेज कैपेसिटी में ग्रोथ को बनाए रखने वाली बड़ी प्रायॉरिटी दी गई है. इस साल के बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी और इंटर ऑपरेबिलिटी स्टैंडर्ड के बारे में प्रावधान किए गए हैं. इनसे भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के इस्तेमाल में आने वाली दिक्कतें कम होंगी. प्लग-इन चार्जिंग में ज्यादा समय और ज्यादा कीमत लगती है क्योंकि ईवी की कीमत में 40-50% बैटरी की कीमत होती है. इसलिए स्वैपिंग से इलेक्ट्रिक व्हीकल की अपफ्रंट कॉस्ट कम हो जाएगी.

सेविंग भी है जरूरी

सस्टेनेबिलिटी के लिए एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ही एनर्जी सेविंग भी उतना ही जरूरी है. हमारे देश में और ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट AC कैसे बनें? ज्यादा एनर्जी एफिशिएंसी हीटर, गीजर, ओवन कैसे बनें इस बारे में बहुत कुछ करने की जरूरत है. जहां भी बिजली की ज्यादा खपत है वहां एनर्जी एफिशिएंट प्रोडक्ट का निर्माण प्राथमिकता होनी चाहिए.

बढ़ाया LED बल्ब का उत्पादन 

उन्होंने कहा कि जब 2014 में हमारी सरकार आई तब LED बल्ब की कीमत 300 से 400 रुपए तक होती थी. हमारी सरकार ने इसका प्रोडक्शन बढ़ाया. इससे LED बल्ब की कीमत 70 से 80 रुपये तक नीचे आई. उजाला योजना के तहत करीब 37 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे हैं. जिससे लगभग 48 हजार मिलियन किलोवाट आवर बिजली बची है. गरीब और मध्यम वर्ग का सालाना करीब 20 हजार करोड़ रुपये का बिजली बिल भी बचा है. वहीं इससे सालाना करीब 4 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन भी कम हुआ.