PM Modi Gujarat Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय गुजरात दौरे का आज पहला दिन है. वो यहां कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और राज्य को विकास की कई सौगात देंगे. शुक्रवार को उन्होंने अहमदाबाद में 1.25 लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि वो गांव के उत्थान के लिए काम करें. वहीं उन्होंने पंचायती राज नेताओं से 15 अगस्त, 2023 तक 75 ग्राम उत्थान काम को पूरा करने का भी आह्वान किया. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गांवों की भूमिका की तारीफ

प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान अनुशासित और बेहतर प्रबंधन के लिए पंचायतों और गांवों की भूमिका की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में महिला पंचायत प्रतिनिधियों की संख्या पुरुषों की तुलना में ज्यादा है. डेढ़ लाख से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधियों के एक साथ विचार-विमर्श करने की इस सच्चाई से ज्यादा भारतीय लोकतंत्र की ताकत का प्रतीक कुछ नहीं हो सकता. 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

'बुनियादी पहल के साथ हो गांव का विकास'

उन्होंने पंचायत सदस्यों को सलाह दी कि कैसे छोटी लेकिन बहुत ही बुनियादी पहल के साथ गांव का विकास किया जाए. प्रधानमंत्री ने अपने स्कूल का जन्मदिन या स्थापना दिवस मनाने की सलाह दी. इसके माध्यम से स्कूल के परिसर और क्लास को साफ करने और वहां के लिए अच्छी गतिविधियों को शुरू करने को कहा. पीएम मोदी ने कहा कि देश अगस्त 2023 तक आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अवधि के दौरान गांव में 75 प्रभात फेरी (सुबह का जुलूस) निकालें.

उन्होंने गांवों के लोगों को कोविड से शानदार तरीके से निपटने के लिए भी बधाई दी. उनके मुतबिक, "गुजरात के साथ-साथ देश के गांवों द्वारा दिखाई गई जागरूकता और तैयारियों ने वैश्विक महामारी को प्रवेश करने से रोक दिया. मैं छोटे से छोटे किसानों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने ऐसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, देश के लिए भोजन का उत्पादन, कटाई जारी रखी". 

'यह बापू और सरदार की भूमि है'

उन्होंने कहा कि यह बापू और सरदार की भूमि है. बापू हमेशा आत्मनिर्भर गांवों के बारे में बात करते थे. जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो आइए दिखाएं कि हम बापू के सपने और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पीएम ने गांव के सरपंचों, तहसील पंचायत और जिला पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सभा को गांवों का भी जन्मदिन मनाने के लिए कहा. इसके लिए उन सभी पूर्व गांव निवासियों को शामिल किया जो गांवों के अंदर और बाहर समृद्ध हुए थे. 

उन्होंने प्राकृतिक खेती का विकल्प चुनने के लिए भी कहा. प्रत्येक गांव कम से कम 75 किसानों का चयन करें जो प्राकृतिक खेती का विकल्प चुनेंगे. वहीं गांव में एक पार्क या आम बगीचा बनाने के लिए 75 पेड़ पौधे लगाने का भी सुझाव दिया. जहां बच्चे खेल सके, बुजुर्ग बैठ सके और जब कोई भी पार्क में आएगा तो इससे प्रभावित होगा.