देश के किसानों को इनकम सपोर्ट देने के लिए केंद्रीय बजट में घोषित प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के लाभार्थी किसानों की सूची तैयार करने और केंद्र को भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 फरवरी की तरीख तय की है. 22 फरवरी को ये सूची सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी. उत्तर प्रदेश देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और यहां छोटे एवं सीमांत किसानों की संख्या काफी अधिक है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा 22 फरवरी तक लाभार्थियों की पूरी सूची को अपलोड करने के लक्ष्य से दूसरे राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 22 फरवरी तक पूरी सूची को अपलोड करने से जरूरतमंद किसानों को जल्द अपने बैंक खातों में कैश ट्रांसफर की उम्मीद है.

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समयसीमा पर जोर

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसी पाण्डेय द्वारा सभी जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है, 'ये बेहद महत्वपूर्ण काम है जिस तय समयसीमा में पूरा करना है.' राज्य सरकार के पास इस समय किसानों को पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड दो डेटाबेस हैं. इस डेटाबेस में शामिल किसानों का वैरिफिकेशन एक बार फील्ड सर्वे के जरिए किया जाएगा और फिर सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

क्या है सर्वे की प्रक्रिया?

जिन किसानों के नाम इस सूची में दर्ज नहीं हैं, लेकिन वे भी इस योजना के योग्य हैं, उनकी पहचान के लिए गांव स्तर पर 12 से 20 फरवरी के बीच सर्वे कराया जाएगा और इस तरह पूरी सूची 22 फरवरी तक सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड हो जाएगी. माना जा रहा है कि इस योजना के तहत कुल 14.5 करोड़ किसानों को लाभ होगा, जिनमें से 2.21 करोड़ किसान यूपी के हैं. योजना में पारदर्शिता के लिए लाभार्थी किसानों की सूची गांव स्तर पर लगाई जाएगी.