प्रधानमंत्री मोदी ने जारी की 'PM Cares for children' की सुविधा, कहा- आशा की किरण बनकर उभरा है भारत
PM Cares for Children: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने अभिभावकों को गंवा चुके बच्चों को हर महीने 4000 रुपए दिए जाएंगे.
PM Cares for Children: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने कोविड-19 से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, युवाओं पर भरोसा दिखाया और दुनिया के लिए चिंता नहीं, बल्कि आशा की एक किरण बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक प्रभाव से उबर कर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है. पीएम मोदी ने ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ के तहत बच्चों के लिए कई सुविधाएं शुरू करते हुए एक कार्यक्रम में यह बयान दिया. कार्यक्रम में मोदी ने स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए स्कॉलरशिप भी जारी की. बच्चों को योजना के तहत पासबुक और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड भी दिए गए. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक माहौल के दौरान भारत ने अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखा.
"आशा की किरण बनकर उभरा भारत"
उन्होंने कहा कि ‘‘हमने अपने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, युवाओं पर भरोसा दिखाया और हमारा देश दुनिया के लिए चिंता नहीं, बल्कि आशा की एक किरण बनकर उभरा. हम कोई समस्या नहीं बल्कि समाधान देने वाले बने.’’ पीएम मोदी ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ यह दर्शाता है कि हर नागरिक उनके साथ खड़ा है. मोदी ने कहा कि अगर किसी को प्रोफेशनल कोर्स या उच्च शिक्षा के लिए ‘एजुकेशन लोन’ चाहिए तो, ‘पीएम केयर्स’ उसमें भी मदद करेगा. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान अपने अभिभावकों को गंवा चुके बच्चों को हर महीने 4000 रुपए दिए जाएंगे, जिससे उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
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उन्होंने कहा कि इन बच्चों के 23 साल के होने पर उन्हें 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बच्चों को मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक मदद के लिए आयुष्मान कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा और ‘संवाद हेल्पलाइन’ के माध्यम से भावनात्मक परामर्श दिया जाएगा. ‘पीएम केयर्स’ फंड के बारे में उन्होंने कहा कि इस फंड ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान अस्पतालों को तैयार करने, वेंटिलेटर खरीदने, ऑक्सीजन प्लांट लगाने में भी काफी मदद की.
माता-पिता को खो चुके बच्चों का बढ़ाया मनोबल
उन्होंने कहा , ‘‘इसके जरिए कई लोगों की जान बचाई जा सकती है और कई परिवारों का भविष्य बचाया जा सकता है.’’ अपने माता-पिता खो चुके बच्चों को मनोबल बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि निराशा के माहौल में भी ‘‘अगर हम खुद पर विश्वास रखें, तो आशा की एक किरण अवश्य दिखाई देती है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया भर में दवाइयां और टीके भेजे. मोदी ने कहा, ‘‘इतने बड़े देश में भी, हमने सभी नागरिकों को टीके उपलब्ध कराएं.’’ उन्होंने कहा ‘‘ हमने अपने देशवासियों को टीके उपलब्ध कराए और अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की करीब 200 करोड़ डोज लोगों को दी जा चुकी हैं.’’
भारत ने पिछले आठ वर्ष में जो मुकाम हासिल किया है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज, विश्व में भारत का गौरव बढ़ा है, वैश्विक मंचों पर हमारे भारत की ताकत बढ़ी है. मुझे खुशी है कि युवा शक्ति भारत की इस यात्रा का नेतृत्व कर रही है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भ्रष्टाचार और क्षेत्रीय भेदभाव के दुष्चक्र से बाहर निकल रहा है, जिसमें वह 2014 से पहले फंसा हुआ था.
बच्चों से किया आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से रोग मुक्त रहने, खेलो इंडिया तथा और इंडिया मूवमेंट में शामिल होने और उसका नेतृत्व करने का आह्वान किया. मोदी ने उनसे योग दिवस में हिस्सा लेने का भी आग्रह किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ कोरोना वायरस से प्रभावित ऐसे बच्चों की मुश्किलों को कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ दर्शाता है कि हरेक नागरिक अत्यंत संवेदनशीलता के साथ आपके साथ खड़ा है.’’
स्वच्छ भारत मिशन, जन-धन योजना तथा हर घर जल अभियान जैसी कल्याणकारी नीतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’’ की भावना से आगे बढ़ रही है. सरकार ने ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ की शुरुआत पिछले साल 29 मई को की थी. इसका मकसद ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 के बीच अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता को खो दिया है.