कैंसर-हार्ट की दवाई मिलेगी सस्ती, मोदी सरकार ने बनाया ठोस प्लान
कैंसर (Cancer) और दिल की बीमारियों (Heart Patients) की दवाएं (Medicines) सस्ती और आसानी से मिलें, इसके लिए जरूरी दवाओं की नई लिस्ट बनाई जा रही है.
कैंसर (Cancer) और दिल की बीमारियों (Heart Patients) की दवाएं (Medicines) सस्ती और आसानी से मिलें, इसके लिए जरूरी दवाओं की नई लिस्ट बनाई जा रही है. इस मामले पर बनी समिति की पहली बैठक हाल में हुई है. मोदी सरकार चाहती है कि कैंसर और दिल की बीमारियों की महंगी दवाओं को वाजिब कीमत पर मरीजों को उपलब्ध कराया जाए. साथ ही ये भी पक्का किया जाए कि ऐसी दवाओं की सप्लाई बनी रहे. बैठक में हेल्थकेयर एक्टिविस्ट, दवा कंपनियों के प्रतिनिधि और मेडिकल डिवाइसेज़ इंडस्ट्री के लोग शामिल हुए थे.
हेल्थ केयर एक्टिविस्ट ग्रुप AIDAN ने कीमतों की सीमा तय करने पर ज़ोर दिया ताकि सभी के लिए दवाएं वाजिब दाम पर मिल सकें. खासतौर पर WHO की ओर से जरूरी दवाओं की जो लिस्ट है उसके हिसाब से ही भारत में भी ज़रूरी दवाओं की लिस्ट तैयार की जाए. WHO की कोर लिस्ट में कुल 460 जरूरी दवाएं हैं. हालांकि दवा कंपनियों की दलील थी कि अगर कीमतों को ज्यादा घटाया गया तो जरूरी दवाओं का प्रोडक्शन प्रभावित होगा. इससे ऐसी दवाओं की सप्लाई कम हो सकती है.
मेडिकल डिवाइस बनाने वाली घरेलू कंपनियों ने सिरींज, नीडल आदि को भी प्राइस कंट्रोल में लाने का सुझाव दिया है। कमेटी जरूरी दवाओं के अलावा मेडिकल डिवाइसेज, इलाज में इस्तेमाल होने वाले दस्ताने, बैंडेज जैसे कंज्यूमेबल्स और हाइजीन प्रोडक्ट्स जैसे कि हैंड सैनिटाइजर आदि को भी जरूरी दवाओं की लिस्ट में शामिल करना चाहती है.
बैठक का एजेंडा
> कैंसर और दिल की बीमारियों के दाम घटाने पर चर्चा
> जरूरी दवाओं की लिस्ट बढ़ाने पर चर्चा हुई
> जरूरी दवाओं की लिस्ट NLEM का दायरा और बढ़ेगा
> दाम घटाने के साथ सप्लाई बनाए रखने पर जोर होगा
> NGO, AIDAN का ज़ोर महंगी दवाएं सस्ती की जाएं
> WHO की नई लिस्ट के हिसाब से जरूरी दवाएं तय हों
> WHO की जरूरी दवाओं की कोर लिस्ट में 460 दवाएं
> दवा कंपनियों की दलील-दाम घटने पर सप्लाई पर असर
> सिरींज और नीडल को भी NLEM के दायरे में लाया जाए
> NLEM में दवा, मेडिकल डिवाइस, कंज्यूमेबल्स, हाईजीन प्रोडक्ट होंगे