PIB Fact Check Viral Msg: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई समय से एक मैसेज सर्कुलेट किया जा रहा है जिसमें टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI का एक लैटर वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, ये लैटर 11 सितंबर, 2023 को इश्यू किया गया था जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक कंपनी मोबाइल टावर लगाने के लिए पंजीकरण शुल्क की मांग कर रही है. साथ ही इसके बदले में TRAI की ओर से हर महीने किराया और एडवांस में बड़ी रकम देने की बात कही गई है.

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वायरल मैसेज में किया जा रहा ये दावा

हालांकि, अगर आपको भी इस तरह का कोई मैसेज मिला है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दरअसल, PIB फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर इस मैसेज की सच्चाई का खुलासा किया है. PIB फैक्ट चेक ने वायरल लैटर की फोटो शेयर की है और पोस्ट में लिखा है "एक कंपनी मोबाइल टावर लगाने के लिए पंजीकरण शुल्क के रूप में ₹3,800 मांग रही है और TRAI के नाम पर ₹45,000 का मासिक किराया और ₹40 लाख का अग्रिम भुगतान देने का दावा कर रही है. ये लैटर फेक है."

यहां देखें पोस्ट

 

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने जारी की गाइडलाइन

गौरतलब है कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस तरह की धोखाधड़ी से बचाव और जनता से ऐसे प्रस्तावों का शिकार ना होने के लिए एक सार्वजनिक सूचना जारी की है. बताया गया है कि DoT/ TRAI मोबाइल टावरों को लगाने के लिए किसी भी जगह के में बदले किराया नहीं देती हैं. साथ ही अगर किसी व्यक्ति को इस तरह की धोखाधड़ी या ऐसी गतिविधि का पता चलता है तो उसे स्थानीय पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखवाने की सलाह दी जाती है.

धोखाधड़ी का हुए शिकार तो किसकी होगी जिम्मेदारी?

सूचना में कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी नुकसान होता है तो इसके लिए पूरी तरह से वो व्यक्ति ही जिम्मेदार होगा. ऐसी धोखाधड़ी का शिकार होने पर दूरसंचार विभाग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.