मल्टी नेशनल और मल्टी बिलियन डॉलर कंपनी PepsiCo को  दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आलू की खास किस्म पर पेटेंट को लेकर PPVFR अथॉरिटी की तरफ से दिए गए फैसले पर विचार करने को कहा गया था. प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटीज एंड फार्मर राइट्स (PPVFR) अथॉरिटी ने साल 2021 में लेज बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले खास किस्म के आलू पर कंपनी के एक्सक्सूसिव पेटेंट को निरस्त कर दिया था.

1989 में पेप्सिको ने पहला प्लांट शुरू किया था

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पेप्सिको Lay's ब्रांड के नाम से आलू चिप्स बनाती है. इस चिप्स को बनाने में खास किस्म के आलू का इस्तेमाल होता है , जिसे FC5 कहते हैं. पेप्सिको ने भारत में अपना पहला प्लांट 1989 में लगाया था. कंपनी किसानों को FC5 आलू का बीज देती है. किसान इस आलू को केवल पेप्सिको को ही बेच सकते हैं. यह सौदा निश्चित दर पर पहले से तय हो जाता है.

2021 में एक्सक्लूसिव अधिकार को निरस्त किया गया था

किसानों के अधिकार को लेकर काम करने वाली एक्टिविस्ट कविता कुरुंगती ने इसके खिलाफ आवाज उठाया और कहा कि कोई कंपनी बीज पर किसी तरह का पेटेंट दावा नहीं कर सकती है. लंबी सुनवाई के बाद साल 2021 में PPVFR अथॉरिटी ने पेप्सिको को मिले एक्सक्लूसिव अधिकार को निरस्त कर दिया. कंपनी ने इसी फैसले के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी, जहां से उसे झटका लगा है.

चिप्स के अच्छी क्वॉलिटी मानी जाती है FC5 आलू

FC5 आलू की बात करें तो इसमें नमी कम होती है जो चिप्स तैयार करने के लिए अच्छी क्वॉलिटी मानी जाती है. पेप्सिको का कहना है कि उसने 2016 में इस खास किस्म को लेकर पेटेंट हासिल किया था. 2019 में जब कुछ किसानों ने FC5 आलू की पैदावार की तो कंपनी ने उनक किसानों पर मुकदमा कर दिया. कुछ दिनों के बाद कंपनी ने वह मुकदमा वापस ले लिया था.

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