Parliament winter session 2022: मौजूदा भवन में ही चलेगा संसद का शीतकालीन सत्र! जानें वजह और टाइमिंग
Parliament winter session 2022: नई बिल्डिंग (Parliament) के कुछ हिस्सों के निर्माण का काम पूरा होने की जो निर्धारित समयसीमा थी, वह आगे बढ़ सकती है.
Parliament winter session 2022: संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के पुराने भवन में ही आयोजित होने के आसार हैं क्योंकि नई बिल्डिंग (Parliament) के कुछ हिस्सों के निर्माण का काम पूरा होने की जो निर्धारित समयसीमा थी, वह आगे बढ़ सकती है. भाषा की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. संसद का शीतकालीन सत्र सामान्यत: नवंबर माह के तीसरे सप्ताह में आरंभ होता है. सरकार की कोशिश शीतकालीन सत्र (parliament of india winter session 2022) से पहले निर्माण के काम को पूरा कर लेने की थी. सूत्रों ने बताया कि यह इमारत एक अहम और जटिल परियोजना है, जिसका निर्माण बेहद ही चुनौतीपूर्ण समयसीमा के भीतर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य चौबीसों घंटा चल रहा है.
भवन तैयार हो जाने की कोई तय तारीख नहीं
खबर के मुताबिक, भवन का सिविल काम-काज लगभग पूरा हो चुका है लेकिन आखिर दौर का काम और बिजली का काम इस साल के आखिर तक जारी रह सकता है. सूत्रों ने बताया कि निर्माण कार्य की गति में तेजी लाने के लिए फर्नीचर, कालीन, दीवार पेंटिंग और भवन को सुसज्जित करने के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर भवन निर्माण का काम भी चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि अभी भवन तैयार हो जाने की कोई तय तारीख नहीं बताई जा सकती है, ऐसे में इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि शीतकालीन सत्र (parliament winter session 2022) पुराने भवन में ही हो.
इस तरह का होगा कॉन्सेप्ट
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने भी कहा कि शीतकालीन सत्र (parliament winter session 2022) पुराने भवन में होने के आसार हैं.सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, संयुक्त केंद्रीय सचिवालय, विजय चौक से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का सुधार, प्रधानमंत्री के नए आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय और नए उपराष्ट्रपति ‘एन्क्लेव’ का कॉन्सेप्ट है.
कर्मचारियों के लिए ‘मॉक ड्रिल’ और ट्रेनिंग
सूत्रों ने बताया कि भवन (parliament of India) का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद भी 15 से 20 दिनों की जरूरत पड़ेगी ताकि कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा सके और संसद सत्र की बैठक सुचारू रूप से हो सके. उन्होंने बताया कि इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के कर्मचारियों के साथ ही राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, भारत पर्यटन विकास निगम और अन्य कर्मचारियों का ‘मॉक ड्रिल’ और ट्रेनिंग कराया जाएगा.