Monsoon Session के पहले भाजपा ने 19 जुलाई को बुलाई NDA की बैठक, जानिए किन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र के ठीक पहले भाजपा ने 19 जुलाई को NDA में शामिल सभी सहयोगी दलों की एक बैठक बुलाई है.
Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस मानसून सत्र में अपनी रणनीति पर चर्चा करने के लिए भाजपा ने सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले 19 जुलाई को NDA गठबंधन की बैठक बुलाई है. NDA में शामिल सभी सहयोगी दलों के लोकसभा और राज्यसभा के फ्लोर लीडर्स की यह बैठक 19 जुलाई को शाम 5:30 बजे संसद भवन परिसर में होगी. NDA की बैठक से पहले सरकार ने 19 जुलाई को ही संसद सत्र पर चर्चा करने के लिए दोपहर बाद 3 बजे सर्वदलीय बैठक भी बुलाई हुई है.
सर्वदलीय बैठक बुलाया
सरकार ने संसद के दोनों सदनों - लोक सभा और राज्य सभा - में सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को इस सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया है. संसद के मानसून सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार की तरफ से इस सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा जाएगा. वहीं, विपक्षी दल भी अपने-अपने मुद्दों के बारे सरकार को बताएंगे, जिन पर वो सदन में चर्चा कराना चाहते हैं.
NDA दलों के साथ भी होगी बैठक
सर्वदलीय बैठक के बाद, भाजपा उसी दिन NDA के सहयोगी दलों के साथ बैठक कर संसद सत्र की रणनीति को लेकर चर्चा करेगी. दरअसल, विपक्षी दलों की एकता की मुहिम को देखते हुए यह माना जा रहा है कि संसद का यह मानसून सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है. कर्नाटक में मिली बड़ी जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित है और विपक्षी दलों के बीच बढ़ रही स्वीकार्यता को देखते हुए कांग्रेस संसद के अंदर भी भाजपा सरकार को घेरते हुए दिखना चाहती है.
वहीं कई अन्य विपक्षी दल भी आगामी विधान सभा और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव को देखते हुए भाजपा सरकार को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.
किन बिलों पर होगी चर्चा
विपक्षी दलों की इस तैयारी को देखते हुए भाजपा ने भी अपने गठबंधन को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है. NDA की बैठक में भाजपा दिल्ली सरकार के अधिकारों से जुड़े अध्यादेश पर लाए जाने वाले विधेयक और समान नागरिक संहिता कानून के साथ-साथ उन तमाम बिलों के बारे में सहयोगी दलों को जानकारी देगी, जिसे सरकार संसद सत्र के दौरान पेश करने वाली है. समान नागरिक संहिता को लेकर जिस तरह से सरकार की सक्रियता बढ़ी है, उसे देखते हुए यह कहा जा रहा है कि सरकार यूसीसी से जुड़े बिल को संसद के इसी सत्र में लाने के बारे में सोच रही है.
अगर वाकई सरकार इस बिल को इसी सत्र में लाने के बारे में सोच रही है तो वह इसके प्रावधानों की जानकारी भी अपने सहयोगी दलों के नेताओं को देगी ताकि सदन के अंदर सहयोगी दलों की तरफ से यूसीसी पर विरोध की स्थिति न पैदा हो. आपको बता दें कि, संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह 11 अगस्त तक चलेगा.
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